मंडी ब्यूरो|
हिमाचल में सरकारी संस्थानों को बंद करने के विरोध में भाजपा ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोलते हुए संघर्ष का बिगुल फूंक दिया है। प्रदेश में 620 से ज्यादा ऑफिसों को डि-नोटिफाई किए जाने के फैसले के विरोध में भाजपा ने आज 25 फरवरी तक हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत भाजपा मंडल स्तर पर हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से कांग्रेस सरकार के तुगलकी फरमानों का जवाब देगी। इसको लेकर हर मंडल में बैनर लगाकर भाजपा हस्ताक्षर अभियान चलाएगी। हर चौक पर कुर्सी, माइक और बैनर लगाकर भाजपा विरोध प्रदर्शन करेगी।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मंडी के सराज में अभियान की शुरुआत की। जयराम ठाकुर ने कहा कि भाजपा कांग्रेस सरकार का तानाशाही रवैया बर्दाश्त नहीं करेगी। जनता से सुविधाओं को छीनना कांग्रेस की ओछी राजनीति का प्रमाण है। उन्होने कहा कि हिमाचल के अलग-अलग क्षेत्रों में जन प्रतिनिधियों और लोगों की जरूरत और मांग पर यह कार्यालय खोले गए थे। मंत्रिमंडल में सबके लिए बजट का प्रावधान किया गया था। लेकिन कांग्रेस सरकार ने अपनी 10 गारंटियों को पूरा करने के लिए पूर्व सरकार के निर्णयों में बद्द्लाव किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपनी सभी गारंटियों को पूरा करे इससे उन्हें कोई एतराज नहीं है। लेकिन उनके द्वारा खोले गए संस्थानों पर ताला लगा कर न पूरा करे। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों को चलाना सरकार की जिम्मेदारी है।
पार्टी अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने बताया कि सरकार के इस फैसले से लोगों में काफी रोष है। इसके विरोध में पार्टी जगह-जगह पर एसडीएम और जिला उपायुक्त के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भी भेजे जाएंगे। सुरेश कश्यप ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि इतने ऑफिस एक साथ किसी सरकार ने बंद कर दिए और ऐसे कार्यालय भी बंद किए जा रहे हैं, जहां पर सरकारी कर्मचारी काम करता था। आज जनता को यह कार्यालय बंद होने से बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कार्यालयों के बंद होने से लोगों को अपना काम करवाने के लिए 30 से 70 किलोमीटर का सफर करना पड़ रहा है। राज्य सरकार को घेरते हुए कश्यप ने कहा कि सुख की सरकार का दावा करने वाली सुक्खू सरकार लोगों के लिए अब दुख की सरकार बन चुकी है।