प्रजासत्ता।
रिटायरमेंट के बाद NPS कर्मचारियों की दयनीय स्थिति से अनभिज्ञ प्रदेश सरकार को जगाने के लिए न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ 24 अक्तूबर को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में एक सांकेतिक धरने का आयोजन करने जा रहा है। इसी कड़ी में सोलन जिला मुख्यालय में भी मिनी सचिवालय के सामने भी NPS कर्मचारियों की मांगों को लेकर ऐसे ही एक धरने का आयोजन किया जायेगा।
इस बारे मे जानकारी साँझा करते हुए NPS कर्मचारी महासंघ जिला सोलन अध्यक्ष अशोक ठाकुर तथा महासचिव महेंद्र भारद्वाज ने बताया कि लगता है सरकार ने उनकी मांगों की तरह अपनी आँखें मूंद ली हैं। उन्होंने बताया कि पिछली सरकार के सामने भी बार बार ये मांगें दोहराई गयी थी पर उन्होंने भी इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। वर्तमान सरकार भी उसी राह पर चल रही है। यहां तक की माननीय मुख्यमंत्री जी के आश्वासनों की भी कोई विश्वशनीयता नहीं रह गयी है क्योंकि पिछले 3 सालों में उन्होंने भी कई बार केवल कोरे आश्वाशन ही दिए हैं।
अशोक ठाकुर ने कहा कि कोरोना संकट के कारण पिछले कई महीनों से NPS कर्मचारी सरकार का हिस्सा होने के कारण चुपचाप अपना फ़र्ज़ निभा रहे थे पर सरकार उनकी चुप्पी को उनकी कमजोरी समझ रही है। इसी लिए सरकार को चेताने के लिए इस धरने के आयोजन करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी मुख्य मांगें NPS कर्मचारी की मृत्यु या विकलांगता पर केंद्र सरकार की तर्ज पर हिमाचल के NPS कर्मचारियों के परिवारों को भी CCS पेंशन नियम 1972 के तहत पेंशन देना तथा NPS को खत्म करने के लिए भजपा के 2017 चुनाव के दृष्टिपत्र के अनुसार उच्चस्तरीय कमेटी का गठन करवाना है।
महेंद्र भारद्वाज ने बताया कि उनके इस धरने को प्रदेश के अधिकतर कर्मचारी संगठनों का समर्थन प्राप्त है। इससे यह साबित होता है कि यह सभी कर्मचारियों की मांग है। उन्होंने कहा कि सरकार अगर अब भी उनकी व्यथा को नहीं समझेगी तो फिर आंदोलन को उग्र करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बच जाएगा।
अशोक ठाकुर ने ज़िला के सभी कर्मचारियों का आह्वान किया कि इस धरने में शामिल हो कर इसको सफल बनाने में अपना सहयोग दें ताकि वर्तमान तथा आने वाली पीढियां इन NPS की बेड़ियों से मुक्त हो सके।