प्रजासत्ता|
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले से आतंकी हमले में शहीद हुए अशोक कुमार का शनिवार को उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया| पत्नी और बच्चों ने शहीद के अंतिम दर्शन किए और इस दौरान शहीद की पत्नी ने सैल्यूट किया|
सैन्य सम्मान और नम आंखों के साथ हजारों लोगों ने पैतृक गांव पालमपुर के देहरु में उन्हें अंतिम विदाई दी|बता दें कि शुक्रवार को चंडी मन्दिर शहीद की पार्थिव देह को उनके गांव में आधी रात को लाया गया और इस दौरान लोगों के लिए अंतिम दर्शन के लिए रखा||
शहीद सीआरपीएफ कॉस्टेबल साल 2004 में भर्ती हुये थे| अशोक कुमार सीआरपीएफ में चालक के पद पर तैनात थे| उनकी पत्नी सुषमा देवी, बेटे आदित्य (11) और बेटी रिद्धिमा के साथ पिछले कुछ साल से पिंजौर में रह रहते थे| यहां से उनका तबादला श्रीनगर के लिए हुआ था
बता दें कि श्रीनगर के लावेपोरा इलाके में आतंकवादियों ने वीरवार शाम सड़क पर गश्त रहे सीआरपीएफ के जवानों पर फायरिंग कर दी। इससे सीआरपीएफ का 1 जवान घटनास्थल पर ही शहीद हो गया जबकि तीन अन्य तीन घायलों को अस्पताल भर्ती करवाया गया। इनमें से एक की हालत गंभीर बनी हुई थी। उपचार के दौरान गंभीर रूप से घायल जवान भी शहीद हो गया। हमले में शहीद हुए दोनों सीआरपीएफ जवान की पहचान सब इंस्पेक्टर मंगाराम देव ब्रमा और कांस्टेबल ड्राइवर अशोक कुमार के रुप में हुई थी।