हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला के तपोवन में शुक्रवार को शुरू हुए विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन तपोवन तप उठा। सवर्ण आयोग की मांग कर रहे हजारों प्रदर्शनकारियों ने विधानसभा का घेराव कर उग्र प्रदर्शन किया। सरकार को सदन के बाहर सरकार सवर्ण आयोग के गठन की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों के सामने झुकन पड़ा। सीएम सहित मंत्री, विधायक और अधिकारी और पुलिस प्रदर्शनकारियों के सामने बेबस नजर आए ऐसे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को खुद सदन से बाहर आना पड़ा और ‘सामान्य वर्ग’ के लिए आयोग के गठन का ऐलान करना पडा।
इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ दिए और पुलिस के साथ धक्कामुक्की भी हुई। इस दौरान कुछ पत्रकार और पुलिस कर्मचारी घायल भी हुए। प्रदर्शनकारियों के करीब तीन घंटे चले इस जोरदार प्रदर्शन में सरकार विरोधी नारेबाजी की| हालांकि कहने को तो पुलिस-प्रशासन के पास इस प्रदर्शन की जानकारी पहले से थी और उसने अपनी समझ के अनुसार पर्याप्त बंदोबस्त भी किया था, लेकिन उसकी सारी तैयारियां तब धरी रह गईं, जब हजारों की संख्या में जोरावर सिंह स्टेडियम में इकट्ठा हुए प्रदर्शनकारियों ने विधानसभा की ओर कूच कर दिया।
हजारों प्रदर्शनकारियों को वहां मौजूद पुलिस कर्मी संभालने में नाकाम रहे और उग्र लोग बैरिकेड तोड़कर विधानसभा की ओर जाने लगे। हजारों कर्मियों के विधानसभा की ओर बढ़ने की सूचना मिलते ही सभी गेट बंद कर दिए गए। साथ ही गेट और परिसर के चारों ओर पुलिस कर्मियों को तैनात कर दिया गया। मुख्य गेट के बाहर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्का टकराव हुआ। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस कर्मियों पर पथराव भी किया। इसके बाद कई चरण की मान मनोव्वल और अंत में मुख्यमंत्री के विधानसभा के भीतर आयोग के गठन का एलान करने के बाद आंदोलनकारी शांत हुए।
इसके साथ सरकार ने सवर्ण आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है और इसका नोटिफिकेशन जारी हो गया है। ‘सामान्य वर्ग आयोग’ के नाम से इसका गठन किया जाएगा। आयोग के संविधान, नियम और शर्तें जल्द तैयार की जाएंगी। मध्य प्रदेश के तर्ज पर हिमाचल में आयोग का गठन होगा।