प्रजासत्ता|
कोरोना की वजह से लगाए गए लॉकडाउन से पैदा हुए आर्थिक संकट को देखते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार ने खर्चों को कम करने के लिए सभी सरकारी वाहनों को कंडम करने की अवधि को बढ़ाने का फैंसला लिया है| मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसके दायरे में मंत्रियों, अफसरों, सरकारी वाहनों आदि समेत तमाम तरह की सरकारी गाड़ियां शामिल की गई हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना ने सभी प्रशासनिक सचिवों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। जारी किए गए निर्देशों के अनुसार वाहनों को कंडम करने का क्राइटेरिया बदला जा रहा है। सरकारी विभागों, निगमों, बोर्डों और अन्य संस्थाओं में इससे गाड़ियों का खर्च घटेगा।
आदेशों के अनुसार पहले कारें दो लाख किलोमीटर और आठ साल की अवधि के पूरा होने पर कंडम की जाती थी। अब इस बढा कर ढाई लाख किलोमीटर का सफर और दस साल की अवधि किया गया है|
जीपें पहले 2.40 लाख किमी चलने और आठ साल की अवधि पूरा होने पर कंडम की जाती थीं। अब तीन लाख किमी और 10 साल का समय तय किया गया है।
बसों के लिए पहले यह साढ़े आठ लाख किमी और नौ साल का समय तय था। इसे सामान्य क्षेत्रों के लिए छह लाख किमी और पंद्रह साल किया गया है। जनजातीय और दुर्गम इलाकों के लिए इसे पांच लाख किमी और 12 साल किया गया है। एचआरटीसी इस पर अपनी बीओडी में खुद निर्णय लेगा।
हेवी मोटर व्हीकल में जेसीबी को पहले दस हजार घंटे पूरे करने के बाद कंडम किया जाता था। अब यह दस हजार घंटे या 15 साल की अवधि पूरा होने पर ही कंडम की जा सकेगी। बुल्डोजर या क्रेन के लिए यह अवधि 9 हजार घंटे की या 15 साल थी। इसे अब 10 हजार घंटे या 15 वर्ष किया गया है।
ट्रकों और टैंकरों के लिए यह अवधि तय नहीं थी। इसे यह सामान्य क्षेत्रों के लिए तीन लाख किमी और 15 साल किया गया है। जनजातीय आए दुर्गम क्षेत्रों के लिए इसे ढाई लाख किमी या 12 साल किया गया है।