हिमाचल प्रदेश में सरकारी नौकरियों में बाहरी राज्यों के चयन को लेकर फिर से सवाल उठने लगे हैं| कांग्रेस के नेता और ऊना के हरोली से विधायक मुकेश अग्निहोत्री और शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह ने बिजली बोर्ड में जेई के पदों पर यूपी और बिहार के युवाओँ के चयन पर सवाल उठाए हैं| उन्होंने इस पर सरकार से जवाब भी मांगा है|
दरअसल, हिमाचल प्रदेश स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की ओर से यह भर्ती आयोजित की गई है|इसका रिजल्ट अब डिक्लेयर किया गया है| जिसमें 16 पदों पर यूपी और बिहार के अभ्यर्थी चयनित हुए हैं| मामले ने तूल पकड़ा है| शुरुआत में तीन साल के कॉन्ट्रेक्ट पर ये लोग तैनात होंगे फिर बाद में इनकी सेवाएँ रेगुलर हो जाएँगी|
नेता विपक्ष मुकेश ने कहा कि बिजली बोर्ड़ में भर्ती में 16 जेई उतरप्रदेश और बिहार के लगा दिए हैं| कहां सोई है जयराम सरकार? हिमाचली बच्चे कहां जाएँगे? यानी कुल भर्ती के एक तिहाई बाहर से हैं| सरकार बदलो-हालात बदलो| उनके अलावा कई कांग्रेस नेताओँ ने भी भर्ती पर सवाल उठाए हैं| वहीं, सोशल मीडिया पर भर्ती के समर्थन और विरोध में युवाओं ने अपनी राय रखी है|
उधर शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह ने लिखा “शिखर की ओर हिमाचल ?
हिमाचल में पहले ही बेरोज़गारी चरम सीमा पर है और अब मुश्किल से JE की भर्तियां हो रही है तो बिहार और उत्तर प्रदेश के युवाओं को नौकरियां बाँटी जा रही है।
हिमाचल के हितों की रक्षा कौन करेगा ?
जय श्री राम ॥
हिमाचल प्रदेश में सरकारी नौकरियों में पड़ोसी राज्यों के युवाओँ के भर्ती होने पर यह विवाद कोई पहला विवाद नहीं है| इससे पहले भी साल 2019 में ऐसा ही एक विवाद सामने आया था| जब सचिवालय में क्लर्क के पदों पर बिहार के युवकों की तैनाती हुई थी|