प्रजासत्ता|
कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के शिक्षकों पर दिए गए बयान पर विवाद शुरू हो गया है| बंजार में शनिवार को हुई जनसभा के दौरान मास्टरों पर कसे तंज के बाद शिक्षकों में नाराजगी है। सोशल मीडिया पर लोग इसको लेकर कई तरह के कमेंट कर रहे हैं। मंत्री की शिक्षकों पर दी गई इस प्रतिक्रिया के बाद शिक्षक अब सरकार को घेरने की तैयारी में जुट गए हैं। वहीं हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ ने जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के बयान पर आपत्ति जताई है| हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के उपाध्यक्ष डॉ. मामराज पुंडीर ने कहा कि महेंद्र सिंह ठाकुर को इस तरह के बयान देने से पहले अपनी उम्र का लिहाज करना चाहिए|
उन्होंने कहा कि महेंद्र सिंह ठाकुर की ओर से इस तरह के बयान देना बिलकुल गलत है| पुंडीर ने कहा कि कैबिनेट मंत्री के बयान सुनकर ऐसा लगता है, जैसे साल 2022 में भारतीय जनता पार्टी मिशन रिपीट को पूरा होता नहीं देखना चाहती| उन्होंने कहा कि जिस तरह की बयानबाजी महेंद्र सिंह ठाकुर कर रहे हैं उससे ऐसा प्रतीत होता है, जैसे महेंद्र सिंह ठाकुर कभी स्कूल गए ही नहीं हों. अगर वो स्कूल गए होते, तो वह गुरुओं की इज्जत करना जानते|
हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ का कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से सभी शिक्षकों को फ्रंटलाइन वायरल घोषित किया गया| यह मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की दूरदर्शी सोच है, लेकिन उनके मंत्रियों की ओर से इस तरह के बयान देना सरासर गलत है| हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ ने कहा कि कैबिनेट मंत्री के इस बयान से शिक्षक समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची है शिक्षक महासंघ ने हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर से अपने बयान पर माफी मांगने की मांग की है|
सीएंडवी अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष चमनलाल शर्मा ने कहा कि मंत्री ने अध्यापक समाज का अपमान किया है। संघ के महासचिव देवत्त शर्मा ने कहा कि आज वो जिस पद पर आसीन हैं तो इसमें भी कहीं न कहीं अध्यापकों के आशीर्वाद से ही यह स्थान उन्हें प्राप्त हुआ है। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के राज्य महामंत्री अशोक कुमार शर्मा, राज्य उपाध्यक्ष सर्वजीत सिंह राणा, प्रवक्ता महेश शारदा, कार्यालय सचिव भागचंद शर्मा, जोगिंदर शर्मा ने कहा कि मंत्री ने पूर्ण मंत्रिमंडल और मुख्यमंत्री का भी अपमान किया है, जिन्होंने फ्रंटलाइन वर्कर के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल में पारित किया।
राज्यपाल की भी भाषण में बेइज्जती की गई। अधिसूचना राज्यपाल ने जारी की थी। प्राथमिक सहायक अध्यापक संघ के पूर्व अध्यक्ष सुनील चौहान ने कहा कि मंत्री का बयान निंदनीय एवं शिक्षकों का मनोबल गिराने वाला है। शिक्षकों ने करोना काल में अपनी अहम भूमिका जिम्मेदारी के साथ निभाई है।
प्रदेश शिक्षक महासंघ के प्रांत संगठन मंत्री पवन मिश्रा, अध्यक्ष पवन कुमार, उपाध्यक्ष मामराज पुंडीर ने कहा कि प्रदेश के बुजुर्ग मंत्री को अपनी भाषा पर संयम रखना चाहिए। ऐसा प्रतीत होता है कि मंत्री नहीं चाहते वर्ष 2022 में भाजपा की सरकार दोबारा बने।
उधर, प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ के अध्यक्ष केसर ठाकुर, प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष हेमराज ठाकुर, राजकीय अध्यापक संघ के अध्यक्ष नरेश महाजन और पैरा टीचर्स संघ के अध्यक्ष चितरंजन महंत और प्रेस सचिव भूपेश शर्मा ने भी जल शक्ति मंत्री के बयान की कड़ी निंदा की है। हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद ने भी टिप्पणी की निंदा की है।
जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने कोरोना के बीच सेवाएं देने वाले मास्टरों की खिल्ली उड़ाई है। जल शक्ति मंत्री ने शनिवार को बंजार में हुई जनसभा के दौरान कहा कि जल शक्ति विभाग के कर्मचारियों ने काम किया। अन्यों ने तो मजे ही किए। इस दौरान मास्टरों ने बहुत ही ज्यादा मजे किए। फिर फ्रंटलाइन वर्कर बन गए कि उनको सबसे पहले वैक्सीन लगाई जाए। पता नहीं उन्होंने क्या काम किया यह तो ईश्वर ही जानता है। मंत्री का इसको लेकर एक वीडियो भी वायरल हुआ है। शिक्षक संगठनों ने मंत्री से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की मांग की है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी संज्ञान लेने की अपील की गई है। माफी न मांगने पर प्रदर्शन की चेतावनी दी गई है।