प्रजासत्ता|
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह क्षेत्र सिराज से ताल्लुक रखने वाले अश्वनी ठाकुर हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के मुखिया की कमान सौंपी गई है। इस संबंध में कार्मिक विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने उन्हें पत्र लिखा है। इसमें संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) की बैठक के लिए एजेंडा भेजने को कहा है। हालांकि अभी बैठक की तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन समझा जा रहा कि इसे सरकार एक माह में बुला सकती है।
बता दें कि अश्वनी ठाकुर मुख्यमंत्री के सबसे करीबी माने जाते हैं। 47 वर्षीय अश्वनी ठाकुर अभी शिक्षा विभाग के अधीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। वह गैर शिक्षक कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष हैं। लगातार दूसरा कार्यकाल निभा रहे हैं। 18 वर्ष से कर्मचारी राजनीति में हैं। गैर शिक्षक महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भी रहे हैं। सिराज के छतरी क्षेत्र के लस्सी गांव के रहने वाले हैं। अश्वनी ठाकुर की नियुक्ति को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उन्हें बधाई दी है|
महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष अश्वनी ठाकुर ने पत्र भेजने के लिए मुख्यमंत्री, कार्मिक विभाग के अधिकारियों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह तक सरकार को मांग पत्र सौंप देंगे। अब जल्द ही जेसीसी की बैठक होगी। सरकार से इसके लिए तारीख लेंगे। इसके साथ ही महासंघ का कार्यकारिणी का भी विस्तार करेंगे।
उल्लेखिनीय है कि प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ पिछले तीन वर्ष से महासंघ कई गुटों में बंटा रहा। एक गुट अश्वनी, दूसरा एनआर ठाकुर और तीसरा गुट विनोद कुमार का। तीनों पर शुरू से अश्वनी धड़ा हावी रहा। एनआर ठाकुर स्वास्थ्य विभाग के राजपत्रित अधिकारी बन गए। वह भी मंडी से ही हैं। मंडी के महासंघ के दो बड़े महारथियों में वर्चस्व की जंग लंबी चली। जैसे ही सुलह हुई, तभी से तय था कि अब संगठन की कमान आधिकारिक तौर पर अश्वनी के हाथों में आ जाएगी।