हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने इंस्पेक्टर नीरज राणा की अग्रिम जमानत खारिज कर दी है. इसके बाद शिमला पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को विजिलेंस टीम को सौंपा गया है। सोमवार को जस्टिस सीबी बारोवालिया की कोर्ट ने याचिकाकर्ता की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद इसे खारिज कर दिया।
रिश्वत का आरोपी नीरज राणा 24 दिसंबर, 2021 को अब तक अंतरिम जमानत मिली थी। तीन माह से अंतरिम जमानत के बाद सोमवार को मामले की सुनवाई हुई। जमानत खारिज होने के बाद गिरफ्तारी हुई और उसे विजिलेंस टीम हमीरपुर के हवाले कर दिया।
मामला हमीरपुर जिले से जुड़ा है। नीरज राणा पर एसएचओ रहते हुए रिश्वत लेने, जान से मारने की कोशिश करने और गाड़ी में चरस रखने का आरोप हैं। आरोप है कि वह मवेशियों को पठानकोट ले जाने वाली गाड़ी के परमिट देने के एवज में 25 हजार रुपये रिश्वत लेने पहुंचा था। रिश्वत लेने के बाद विजिलेंस टीम को राणा ने अपनी गाड़ी से कुचलने का प्रयास किया था और फरार हो गया था। इस दौरान आरोपी अपनी गाड़ी मौके पर ही छोड़ गया था।
बाद में तलाशी में नीरज की गाड़ी से चिट्टा भी मिला है। आरोपी नीरज राणा मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला के हरोली का रहने वाला है। साल 2010 में वह बतौर सब इंस्पेक्टर भर्ती हुआ था. उसका प्रोबेशन ट्रेनिंग पीरियड भी हमीरपुर और नादौन थाने में ही कटा है। बाद में वह विजिलेंस विभाग शिमला में तैनात रहा। यहां से कांगड़ा जिले के ज्वाली में बतौर थाना प्रभारी बनाया गया, साल 2020 में नीरज राणा को नादौन थाने का प्रभारी तैनात किया गया था। पूरे मामले के बाद हिमाचल पुलिस की जमकर किरकिरी हुई थी।