शिमला|
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन विधायकों की जासूसी करने का मामला उछला।नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर विधायकों नेताओं की पुलिस के पीएसओ के जरिए जासूसी करने के आरोप लगाए हैं। पुलिस विभाग द्वारा विधायकों के पीएसओ के जरिए उनकी लोकेशन और उनकी गतिविधियों की जानकारियां जुटाने के आरोपों से सदन में माहौल गरमा गया।
मुकेश अग्निहोत्री ने प्रश्नकाल के तुरंत बाद सरकार पर आरोप लगाया कि विधायकों के विषय में विशेषाधिकारों का हनन हो रहा है। उनकी जासूसी की जा रही है। जासूसी करने के लिए विधायक को मिले पीएससी को पुलिस अधिकारियों द्वारा मैसेज आया है। इस तरह के मैसेज में पीएसओ को कहा गया है कि वह अपने विधायक की लोकेशन बताएं और विधायक कहां जा रहा है, क्या क्या करता है, इस संबंध में सूचित किया जाए।
उन्होंने कहा मुख्यमंत्री इस प्रकार का मैसेज करने वाले अधिकारी को तुरंत बर्खास्त करें। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग इस तरह से न केवल व्यक्ति की निजता का हनन है बल्कि उन पर गैरकानूनी तरीके से जासूसी करने की गैर जरूरी कोशिश है।
सीएम ने कहा को सरकार की तरफ सेइस तरह के कोई ऑर्डर नहीं है केवल और केवल विधायकों और जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा से जुड़े मसले पर जरूर समय समय पर इस तरह की जानकारी केवल विधायकों की सुरक्षा और उनकी आवाजाही को लेकर अगर ऐसा किया जाता है तो ये केवल सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है।
अगर विधायकों खासकर विपक्ष के लोगों को ऐसा लगता है तो सरकार जरूर इस विषय की गहनता से जांच करवाएंगे। सीएम ने कहा कि विधायकों की सुरक्षा सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है और इसमें किसी भी तरह की कोई कोताही नही बरती जाएगी। सरकार इसकी जांच जरूर करेगी।