हिमाचल प्रदेश सरकार चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में खर्चे पूरे करने के लिए तय सीमा से अधिक कर्ज ले सकेगी। धर्मशाला के तवोपन में चल रहे शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंध संशोधन विधेयक 2023 को सदन में ध्वनिमत में पारित कर दिया गया।
इस विधेयक के पारित होने के बाद अब राज्य सरकार चालू वित्तीय वर्ष में 11 हजार करोड़ रुपये तक ऋण ले सकेगी। अभी तक कर्ज लेने की तय सीमा आठ हजार करोड़ रुपये थी।
इस संशोधन विधेयक को गुरुवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सदन में पेश किया था। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की गैरमौजूदगी में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शुक्रवार को इस संशोधन विधेयक को पारित करने का प्रस्ताव सदन में रखा। इस अवसर पर मुकेश अग्निहोत्री ने सदन को अवगत करवाया कि केंद्र सरकार से कर्ज की सीमा बढ़ाने की अनुमति मिलने के बाद राज्य सरकार ने इस संशोधन विधेयक को पारित किया है। उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में हिमाचल प्रदेश पर कर्ज करीब 74,622 करोड़ रुपये हो जाएगा। पूर्व भाजपा सरकार ने 26,716 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है।
इस बीच शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन सदन में जीएसटी (वस्तु एवं सेवाएं कर) रिटर्न के सरलीकरण से जुड़ा एक अध्यादेश और इससे संबंधित विधेयक भी सदन भी पारित किया गया। इस संशोधन विधेयक में केंद्र सरकार की ओर से वस्तु एवं सेवा कर परिषद की 43वीं और 45वीं बैठकों में सुझाए गए वित्तीय अधिनियम के संशोधन शामिल किए गए हैं।