शिमला|
नगर निगम शिमला का चुनाव एक बार फिर से लटक गया है। हिमाचल हाईकोर्ट ने चुनाव पर 16 अगस्त तक रोक लगा दी है। मंगलवार को जस्टिस सबीना व जस्टिस सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने 16 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई तय की है। इस दौरान चुनाव सम्बन्धी प्रक्रिया पर रोक रहेगी। वहीँ हाई कोर्ट ने डीसी शिमला से सारे मामले को लेकर जवाब तलब किया है।
दरअसल इस बार राज्य सरकार ने चुनाव से पहले शिमला नगर निगम के वार्डों की संख्या 34 से बढ़ाकर 41 कर दी थी। नए वार्ड बनाने के साथ कुछ पुराने वार्डों की सीमाएं भी बदली गई हैं। समरहिल और नाभा वार्ड के डिलिमिटेशन को दो प्रार्थियों ने अदालत में चुनौती दी थी। प्रार्थी का आरोप था कि राजनीतिक लाभ के लिए उनके वार्डों के कई इलाके दूसरे वार्ड में शामिल किए गए हैं।
उनकी अपील पर लंबे समय तक अदालत में सुनवाई हुई, लेकिन कुछ दिन पहले DC ने इनकी आपत्तियां खारिज कर दीं। इसके बाद फिर से प्रार्थी पार्षद सिमी नंदा और राजीव ठाकुर ने काेर्ट का दरवाजा खटखटाया। ऐसे में अब काेर्ट ने निर्देश दिए हैं कि जिला प्रशासन काे नाभा और समरहिल वार्ड की आपत्ति एवं सुझाव को दोबारा सुनना होगा।
प्रार्थी ने काेर्ट में अपना पक्ष रखा कि चुनाव आयोग व शहरी विकास विभाग ने निगम वार्डों का पुनर्सीमांकन कर 41 वार्ड बनाए हैं। ऐसे में आरक्षण रोस्टर तैयार करते समय निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया और न ही हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन किया।