हमीरपुर|
हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के विधानसभा क्षेत्र नादौन में फैली उल्टी दस्त बुखार की बीमारी अभी नियंत्रण में नहीं दिख रही है। 3 दिन में डायरिया की बीमारी से ग्रस्त मरीजों की मरीजों की संख्या 1200 से ज्यादा हो गई है। हालांकि सरकारी आंकड़ों के अनुसार मरीजों की संख्या 868 है।
वहीँ गांवों में डायरिया फैलने की सूचना के बाद जल शक्ति विभाग, स्वास्थ्य विभाग और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड अपने अपने स्तर पर खड्ड के पानी की सैंपलिंग करना शुरू कर दिया है। यह सिलसिला लगातार जारी रहेगा। जब तक खड्ड के पानी की वास्तविक स्थिति का पता नहीं चल जाए। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने भी सोमवार से सैंपल लेने का काम शुरू कर दिया है। वहीँ IPH और स्वास्थ्य विभाग तो रोजाना सैंपलिंग कर ही रहा है।
स्वास्थ्य विभाग की छ: टीमें सोमवार को भी फील्ड में डटी रहीं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि सोमवार को टीमों ने प्रभावित गांवों में जाकर लोगों की जांच की। इस दौरान 335 लोगों को दवाएं दी गई। अभी तक कुल 47 गांवों में लोगों की जांच की जा चुकी है। तीन दिन में डायरिया के 838 मामले आए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में सभी आवश्यक दवाएं उपलब्ध करवा दी हैं। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें प्रभावित गांवों में लोगों की जांच करती रहेंगी।
बताया जा रहा है कि खड्ड के प्रदूषित पानी को लोगों के नलों तक पहुंचाने से पहले ब्लीचिंग पाउडर से इसकी क्लोरिनेशन प्रॉपर तरीके से नहीं हुई है। अभी जो उल्टी दस्त की बीमारी फैली है, उसकी वजह क्या हुई, खड्ड से सीधा उठाया गया पानी परकुलेशन बैल के जरिए नलों में चला गया और लोग गंदा पानी पीकर बीमार होना शुरू हो गए।
जानकारों की माने तो फिल्ट्रेशन की उठाऊ पेयजल योजनाओं में काफी कमियां दिख रही हैं। केवल परकुलेशन बैल के सहारे लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। प्रॉपर फिल्ट्रेशन नहीं होना, बीमारी की वजह बना है। क्योंकि खड्ड का पानी प्रदूषित है और उसमें क्लोरिनेशन में भी चूक हो गई तो फिर नुकसान तो होना ही है। लेकिन अब विभाग अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है।
वहीँ सरकार ने उठाऊ पेयजल योजना बंद करने पर रिपोर्ट मंगवाई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आरके अग्निहोत्री ने कहा कि प्रभावित गांवों का दौरा कर मरीजों की स्थिति का जायजा लिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर के निर्देश पर प्रदूषण नियंत्रण विभाग ऊना की टीम ने रंगस क्षेत्र का दौरा किया। एसडीओ प्रवीण धीमान की अगुवाई में टीम ने प्रभावित क्षेत्रों के आसपास पानी के सैंपल लिए और लोगों से फीडबैक लिया। उधर, निजी सचिव बीरबल सरकार व मुख्यमंत्री को मामले की पूरी फीडबैक दे रहे हैं।