प्रजासत्ता ब्यूरो|
हिमाचल में सीमेंट कंपनी और ट्रक ऑपरेटरों के बीच उपजा विवाद समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। विवाद समाप्त करने के लिए अब तक सरकार की सभी कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं। वहीँ ट्रक ऑपरेटर भी अब आर-पार की लड़ाई पर उतर आए हैं। सूबे में दो सीमेंट प्लांट बंद करने के विरोध में हजारों ट्रक ऑपरेटर गुरुवार को 12 किलोमीटर का पैदल मार्च निकाला।
पैदल मार्च में दाड़लाघाट और बरमाणा के करीब 5,000 ट्रक ऑपरेटर शामिल हुए हैं। बिलासपुर के नौणी से उपायुक्त कार्यालय तक 12 किलोमीटर का यह मार्च सुबह 11:30 बजे से शुरू हो गया है। इससे चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर पर जाम लग गया है। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे से यातायात को घागस-जुखाला मार्ग पर डायवर्ट किया गया है। यात्रा करने वाले यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पैदल मार्च को देखते हुए पुलिस के करीब 100 जवान तैनात किए गए हैं।
ट्रक ऑपरेटरों ने पहले नौणी के पास जनसभा को सम्बोधित किया ,उसके बाद रोष रैली निकाली। लगभग 12 किलोमीटर की यह रोष रैली नौणी मंडी मानवा लखनपुर होते हुए बिलासपुर में डीसी आफिस तक पहुंची। वहां पर डीसी बिलासपुर के माद्यम से ऑपरेटर सरकार को ज्ञापन सौंपा।
बता दें कि सरकार दोनों पक्षों का गतिरोध तोड़ने में जुटी है, लेकिन कोई हल निकलता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। 10 बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन सभी बेनतीजा रहीं। इस बीच सरकार को करोड़ों का नुकसान हो चुका है। ट्रक ऑपरेटर्स भी तंगी झेल रहे हैं। सीमेंट कंपनी विवाद को सुलझाने के लिए सरकार सभी संभावनाओं का पता लगा रही है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान को इस विवाद को सुलझाने की जिम्मेदारी सौंपी है। लिहाजा मंत्री ने दोनों पक्षों के साथ बात करने के लिए 20 जनवरी को बैठक बुलाई है। 20 जनवरी को मंत्री के साथ होने वाली इस बैठक में दोनों पक्षों को आमने-सामने बिठाकर गतिरोध को तोडऩे के प्रयास किए जाएंगे। सभी पक्षों का पक्ष सुनने के बाद सरकार दोनों पक्षों को मनाने का प्रयास करेगी। हालांकि कोई भी फैसला लेने से पहले सरकार ट्रक ऑप्रेटरों के हितों के साथ अनदेखी नहीं करना चाहती।