प्रजासत्ता|
हिमाचल में सेब बागवानों को पैकेजिंग मैटियरल पर राहत देने के लिए राज्य सरकार ने फैसला किया है कि बारदाना पर 6 प्रतिशत जीएसटी बढ़ौतरी का खर्च राज्य सरकार उठाएगी। बीते कल बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि बागवानों को बारदाने पर 18 प्रतिशत जीएसटी देना पड़ रहा था, इसको देखते हुए राज्य सरकार ने बागवानों को जीएसटी में 6 प्रतिशत की छूट देते हुए बढ़ी हुई जीएसटी की दर को स्वयं वहन करने का निर्णय लिया है।
महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि बागवानों को अब बारदाना 12 प्रतिशत जीएसटी की पुरानी दर पर ही उपलब्ध करवाया जाएगा, इस सम्बंध में एचपीएमसी औऱ हिमफैड को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि तीन निजी कम्पनियां विभाग से सम्बद्ध है, जो बागवानों को बारदाना उपलब्ध करवाती है, वह भी पुरानी जीएसटी दरों पर ही बागवानों को बारदाना उपलब्ध करवाएगी।
वहीँ सेब बहुल क्षेत्र कोटखाई में आज बागवान महंगे कार्टन के विरोध में विशाल प्रदर्शन करने जा रहे है। इसमें बागवानों समेत कांग्रेस भी सड़कों पर उतरकर गत्ते पर जीएसटी बढ़ाने वाली मोदी सरकार और राज्य की जयराम सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। कोटखाई में विशाल जलूस निकालने के बाद बागवान एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौपेंगे।
जिला परिषद सदस्य कोशल मुंगटा ने जयराम सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि कार्टन पर जीएसटी पांच छह महीने पहले बढ़ा दिया गया है। इतने समय से राज्य सरकार ने जीएसटी कटौती की मसला केंद्र से क्यों नहीं उठाया। बागवानी मंत्री कह रहे है कि बढ़ा हुआ 6 फीसदी जीएसटी राज्य सरकार वहन करेगी। इस पर उन्होंने सवाल खड़े किए है।
कोशल मुंगटा समेत तमाम बागवान सवाल कर रहे है 6 फीसदी जीएसटी का लाभ एचपीएमसी से कार्टन लेने वाले चंद बागवानों को ही मिलेगा, क्योंकि एचपीएमसी और हिमफैड मुश्किल से एक फीसदी बागवानों को ही कार्टन मुहैया करवा पाता है। 95 फीसदी से अधिक बागवान ओपन मार्केट से कार्टन लेते है। ऐसे में 6 फीसदी छूट का बागवानों को लाभ मिलने वाला नहीं है।