प्रजासत्ता।
कर्नाटक के एक कॉलेज से शुरू हुआ हिजाब विवाद थमा नहीं है. मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई जारी है। हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश दिया है कि जब तक ये मामला सुलझ नहीं जाता तब तक धार्मिक पोशाकों पर रोक रहेगी, फिर वह हिजाब हो या भगवा कपड़ा। वहीँ इस विवाद की हवा अब हिमाचल प्रदेश तक भी पहुँच गई है| जहाँ कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य ने इस मुद्दे पर स्कूल में यूनिफार्म पहनकर आने की वकालत की है। सोशल मीडिया के जरिए विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि किसी भी शैक्षिणक संस्थान में वर्दी पहन कर ही जाना चाहिए, तभी उसकी गरिमा बनी रहेगी।
वहीँ मामले पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री और विधायक आशा कुमारी ने कहा है कि ये पर्सनल ड्रेस कोड की बात है। आशा कुमारी ने शनिवार को राजधानी शिमला में एक कार्यक्रम के दौरान कहा , ‘’ हिजाब वास्तव में एक दुपट्टे की तरह होता है, हमारे यहां धाटू पहनते हैं। उनका कहना था कि अगर लड़कियां स्कूल तक जाने के लिए अगर बुर्का या हिजाब पहनती हैं तो मैं इसमें वे कोई बुरी बात नहीं समझती।
वहीँ अब हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में स्कूल और कॉलेजों में हिजाब पहन कर बच्चों को आने पर एंट्री नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में ड्रेस कोड के मुताबिक ही आना होगा और शिक्षण संस्थानों में हिजाब की इजाजत नहीं है। कर्नाटक में कॉलेज में हिजाब को लेकर विवाद और सूबे में स्कूल खुलने से पहले मंत्री का यह बयान अहम है।
एक निजी चेनल से बातचीत में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कह कि इस मुद्दे को धार्मिक रंग देना उचित नहीं है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस प्रकार मुद्दा नहीं बनना चाहिए और शिक्षण संस्थानों में बुर्का पहनकर आने की जिद्द करना गलत है और मैं निंदा करता हूं, शिक्षा मंत्री ने मामले में कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस नेता वोट पॉलिटिक्स कर रहे हैं, छद्म धर्मनिरपेक्षता के तहत व्याख्या कर रहे हैं। शैक्षणिक संस्थानों की गुणवत्ता और विश्वसनीयता बनी रहनी चाहिए।