प्रजासत्ता ब्यूरो|
हरजीत कुमार जिन्होंने भारत के लिए 2016 ओर 2017 दसवां और ग्यारवाँ वर्ल्ड मार्शल आर्ट्स खेलों में साउथ अफ्रीका ओर अमरीका से रजत पदक दिलाने वाले हरजीत कुमार हिमाचल के इकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने इन खेलों में अपने गाँव के साथ अपनी पंचायत धानग अपने प्रदेश ओर देश का नाम दुनिया में रोशन किया है। हरजीत कुमार के नाम कई अवार्ड है डॉ बी.आर. अम्बेडकर नेशनल अवार्ड 2016, नेशनल मार्शल आर्ट्स अवार्ड 2017, यंग माइंड अवार्ड 2018, एशिया एक्सीलेंस अवार्ड 2019 ,कोरोना वॉरियर्स अवार्ड 2020
एक साधारण परिवार में जन्में हरजीत कुमार गाँव बडुआँ पंचातय धानग उपमंडल बैजनाथ से है बचपन से डॉक्टर बनने की इच्छा रखने वाले हरजीत कुमार डॉक्टर तो नहीं बन पाया पर अपनी सोच से आज भी किसी के बीमार होने की ख़बर सुन कर हर मदद के लिए आगे रहता है। कोरोना माहमारी के समय जब पूरे प्रदेश लॉकडाउन लगा था तो हरजीत कुमार लोगों की प्रशासन से हर मदद करवा रहे थे साथ में खुद बाहर के राज्यों से जो लोग आ रहे थे उनके लिए भी आगे आकर परौर में सेवा दे रहे थे। कोरोना की परवाह न करते हुये भी हरजीत कुमार जब किसी को खून की जरूरत होती तो खुद खून देने निकल पड़ते थे। अभी भी जब किसी को खून की जरूरत हो तो हरजीत कुमार उनके लिए खुद या अपने दोस्तों के सहयोग से हर संभव मदद करते हैं और उसके बाद फ़ोन करके पूछतेभी कि आप की मदद हुई या नहीं।
हरजीत कुमार डॉक्टर तो नहीं बन पाये पर एक अच्छे खिलाड़ी जरूर बने लेकिन यह उनकी ज़िंदगी का सफर इतना आसान नहीं रहा। अपने देश का झण्डा दुनिया में लहराने के बहुत मेहनत की । हरजीत कुमार हिमाचल से इकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने इस मुकाम को हासिल किया है लेकिन इस के पीछे बहुत दर्द और संघर्ष है।