शिमला|
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के हालिया आदेश को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका पर केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को नोटिस जारी किया है। राज्य सरकार ने उन आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें एनजीटी ने सचिवालय भवन के एलर्सली भवन में शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए लिफ्ट और रैंप के निर्माण सहित मुख्य भवन, मुख्यमंत्री कार्यालय में आगंतुक प्रतीक्षालय,और कार पार्किंग और बहुमंजिला पार्किंग और कार्यालय का विस्तार करने की अनुमति के आवेदन को खारिज कर दिया था।
केंद्रीय मंत्रालय को नोटिस जारी करते हुए चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस सबीना की खंडपीठ ने योगेंद्र मोहन सेन गुप्ता को भी नोटिस जारी किया है। जिन्होंने एनजीटी के समक्ष शिमला शहर में बेतरतीब निर्माण के मुद्दे पर प्रकाश डालने वाली याचिका दायर की है। राज्य सरकार का कहना है कि एनजीटी के पास भवन निर्माण को नियंत्रित करने के आदेश पारित करने का अधिकार क्षेत्र नहीं है क्योंकि ऐसे मामले जंगल के दायरे में नहीं आते हैं। मामले पर अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी।