शिमला|
हिमाचल प्रदेश में छठे पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद अब वेतन विसंगतियों का मुद्दा गरमाने लगा है। आयोग के लागू होने के बाद कर्मचारियों में जहाँ खुशी का माहौल होना चाहिए था लेकिन उन्होंने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रभावित कर्मचारियों में जेओए आईटी, क्लर्क, फारेस्ट गार्ड और अन्य कर्मचारी शामिल है|
बता दें कि यह सभी कर्मचारी वेतनमान में विसंगतियों को खत्म करने की मांग कर रहे हैं। इसी संदर्भ में अलग अलग विभागों के सैंकड़ों कर्मचारियों ने सचिवालय पहुंच कर अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष के माध्यम से सरकार से राइडर हटाने को लेकर मांग की है और 28 फरवरी तक स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
कर्मचारियों का कहना है कि नियमित होने के बाद उनको बड़ा हुआ पे स्केल मिलता है लेकिन नए वेतनमान में इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है, जिससे कर्मचारियों को 10 हजार से लेकर 15 हजार का नुकसान उठाना पड़ रहा है। 15 प्रतिशत के तीसरे विकल्प में यह नुकसान और अधिक बढ़ गया है, इसलिए सरकार 15 हजार कर्मचारियों के इस मसले को हल करने का काम करें।
गौर हो कि इससे पहले हिमाचल संयुक्त कर्मचारी महासंघ ने वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा। अतिरिक्त मुख्य सचिव के साथ बैठक में विसंगतियों के कारण कर्मचारियों को हो रहे नुकसान बारे चर्चा की गई। वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए कर्मचारी संघ ने आठ सूत्रीय मांग पत्र सरकार के समक्ष रखा और विसंगतियों को दूर करने के सुझाव भी दिए।