शिमला।
बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर से मुलाकात की और पिछली सरकार के फैसलों को गैर अधिसूचित करने के लिए कांग्रेस सरकार के खिलाफ ज्ञापन सौंपा है।
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जो संस्थान कभी काम कर रहे थे, उन्हें डीनोटिफाई किया जा रहा है। हमने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल और पीएम मोदी से स्थिति की समीक्षा करने का अनुरोध किया है और कानूनी विकल्पों की भी जांच कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार अभी तक अपना मंत्रिमंडल भी नहीं बना पाई है और चुनाव में किए वादों को पूरे करने के बजाए, कांग्रेस जनहित में खोले गए संस्थानों को गैर कानूनी और असंवैधानिक तरीके से बंद कर रही है।
प्रदेश में इस तरह की तानाशाही सरकार जनता के बीच हंसी का पात्र बन गई है और ये कांग्रेस बंद एक्सप्रेस सरकार बन कर रह गई है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में पहली बार किसी सरकार के खिलाफ 15 दिनों से पहले ही विपक्ष सड़क पर उरातने को मजबूर हुआ है। पूर्व सरकार ने कैबिनेट में इन विभागों को खोलने की मंजूरी दी थी और बजट का प्रावधान भी किया था। इन कार्यालयों में कामकाज सुचारू रूप से चलना प्रारंभ भी हो गया था और लोगों को सुविधाएं भी मिल रही थी। लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बिना कैबिनेट बैठक के विभिन्न सरकारी संस्थानों को बंद करने के आदेश पारित कर दिए जो कि कानून संगत भी नहीं है।
वहीं हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि जयराम ठाकुर सरकार ने पिछले 4.5 साल में कोई कार्यालय या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं खोला और चुनाव के समय 590 संस्थान खोले। हमने 5 विधायकों की एक समिति बनाई और पाया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चपरासी चला रहे हैं।