प्रजासत्ता|
हिमाचल के प्रमुख उद्योगों में एक पर्यटन उद्योग भी शुमार है। पर्यटन उद्योग को हिमाचल प्रदेश में उच्च प्राथमिकता दी गई है और हिमाचल सरकार ने इसके विकास के लिए समुचित ढांचा विकसित किया है और इसको और विकसित करने की दिशा में अभी भी प्रयास जारी है। बीते दो सालों से कोरोना संकट से जूझ रहे हैं। ऐसे में नए बजट पर्यटन उद्योग को राहत मिलने की उम्मीद थी लेकिन केंद्र सरकार ने आम बजट में पर्यटन उद्योग को कोई राहत नहीं दी है।
बता दें कि बजट में पर्यटन उद्योग का कोई जिक्र न होने से प्रदेश के पर्यटन कारोबारी निराश हैं। सरकार ने ई-पासपोर्ट देने की बात जरूर कही है लेकिन पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि इससे प्रदेश के पर्यटन कारोबार को कोई लाभ नहीं होगा। पर्यटन कारोबारियों ने बजट को झुनझुना बताया है। पर्यटन कारोबारियों को नए बजट में होटल के कमरों पर जीएसटी की सीमा 1000 से बढ़ाकर 2000 होने की उम्मीद थी। छोटे होटलों, ढाबों और रेस्टोरेंट के लिए फूड सेल इनपुट पर जीएसटी टैक्स क्रेडिट भी नहीं मिला। टूरिज्म को इन्फ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्री का दर्जा न मिलने से निराशा हुई ।
पर्यटन कारोबारियों को कोरोना काल के बाद जीएसटी की दरों में कटौती की उम्मीद थी। नुकसान झेलने वाले पर्यटन कारोबारियों के लिए राहत पैकेज की घोषणा न होने से मायूसी हाथ लगी है। पर्यटन कारोबारियों का मानना है कि नए बजट को देखकर ऐसा लग रहा है, जैसे सरकार को पर्यटन के बारे में बिलकुल ही जानकारी नहीं है। कई सालों से पर्यटन को बजट में कुछ नहीं मिल रहा है। देश की जीडीपी में करीब 10 फीसदी योगदान देने वाले उद्योग को भुला दिया गया है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते हिमाचल का पर्यटन कारोबार वर्ष 2020 की शुरुआत से प्रभावित है। दो वर्षों से सैलानियों की आमद में भारी कमी के कारण पर्यटन कारोबारियों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। विदेशी सैलानियों की आमद अब तक शुरू नहीं हो पाई है। पर्यटन कारोबारियों को उम्मीद थी कि कोरोना काल में सर्वाधिक प्रभावित पर्यटन उद्योग की बजट में सरकार सुध लेगी, लेकिन मंगलवार को उन्हें निराशा ही मिली। बड़ी संख्या में बेरोजगारों को रोजगार देने वाले टूरिज्म सेक्टर की बजट में अनदेखी से पर्यटन कारोबारी मायूस हैं।
हिमाचल प्रदेश के पर्यटन उद्योग का राज्य की जी.डी.पी. में 10 प्रतिशत के लगभग योगदान है और इस उद्योग में लगभग 6 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला हुआ था परंतु वर्ष 2020 से जारी कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण यह उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। उद्योग से जुड़े अधिकांश प्रतिष्ठानों द्वारा अपने कर्मचारियों की छुट्टी कर देने के कारण बड़ी संख्या में कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं।