प्रजासत्ता|
हिमाचल प्रदेश में सेब आढती वजन के हिसाब से सेब बेचने को तैयार नहीं है। इसी के चलते उन्होंने आज हड़ताल का ऐलान कर रखा है। इनके हड़ताल पर जाने से बागवान परेशान है और मंडियों में आढ़तियों के लौटने का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में अब हिमाचल में सेब बागवानो और आढतियों की हड़ताल पर बवाल मच गया है। क्योंकि कुछ बागवान और आढती तो किलो के हिसाब से बेचने को तैयार है तो कुछ इसका विरोध कर रहे हैं।
विरोध कर रहे बागवानों और आढतियों के अनुसार किलो के हिसाब से सेब बेच पाना संभव नहीं है। मंडियों में इसके लिए पर्याप्त जगह नहीं है। स्पेस के बगैर आढ़ती किलो के हिसाब से सेब नहीं बेच पाएंगे। यह निर्णय जबरदस्ती उन पर थोपा जा रहा है। प्रदेश की कई मंडियों में किलो के हिसाब से सेब को न बेचने पर आढ़तियों के चालान किए गए। इसे देखते हुए आढ़तियों ने सेब बहुल क्षेत्र की सभी मंडियों में सेब नहीं बेचने का निर्णय लिया है। आढतियों के विरोध की चिंगारी पूरे प्रदेश में फैल रही है, जाहिर है कि इससे सेब बागवानों की परेशानी बढ़ने वाली है।
बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि किलो के हिसाब से सेब बेचने का निर्णय वापस नहीं होगा। सरकार इनके दबाव में नहीं आएगी। कुछ आढ़ती राजनीति पार्टी के इशारे पर चल रहे हैं। इन्हें बरगलाया जा रहा है। वह जल्द ऐसी राजनीति करने वाली पार्टी को एक्सपोज करेंगे। उन्होंने कहा कि अब इस तरह का विरोध बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सरकार कानूनी कार्रवाई करेगी। APMC एक्ट में सेब को किलो के हिसाब से बेचने का प्रावधान है। सरकार एक्ट को लागू करेगी।
बता दें कि सरकार के अनुसार, सभी के हामी भरने के बाद ही सेब को वजन के हिसाब से बेचने का निर्णय लिया गया, लेकिन प्रदेश की ज्यादातर मंडियों में आढ़ती इस निर्णय पर अमल नहीं कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि सेब को किलो के हिसाब से बेचने के निर्णय लेने से पहले सरकार ने कई बार बागवानों के साथ-साथ आढ़तियों से भी कई बार पूछा। तब आढ़ती भी इसे मानने को राजी थे, लेकिन जैसे जैसे सेब सीजन रफ्तार पकड़ रहा है। अब इसका विरोध शुरू हो गया है।