प्रजासत्ता
हिमाचल प्रदेश में कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में पेपर लीक होने का मामला अभी सुलझा नहीं है लेकिन एक बार फिर पेपर लीक मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस बार यह आरोप लोक सेवा आयोग शिमला पर लगे हैं। इसे लेकर तीन व्यक्तियों ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक सहित को एक शिकायत पत्र भेजा है। जो अब सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को लिखे शिकायत पत्र में गौरव चौहान, रणेश व दीप्ति नेगी ने लोक सेवा आयोग के कर्मचारियों पर अपने बच्चों व रिश्तेदारों तक भर्तियों के प्रश्नपत्र पहुंचाने का आरोप लगाया है। पत्र में लोक सेवा आयोग के कुछ कर्मचारियों पर कथित तौर पर पेपर लीक करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। हालांकि, इन आरोपों में कितनी सच्चाई है यह अभी जांच का विषय है।
शिकायतकर्ताओं ने पत्र में आरोप लगाया है कि आयोग में विभिन्न पदों पर तैनात कर्मचारियों के बच्चे 10वीं व 12वीं में कम अंक लेने के बावजूद भर्ती परीक्षाओं की परीक्षा में पास हो गए। पत्र में कुछ कर्मचारियों व उनके बच्चों तक के नाम लिखे गए हैं। शिकायतकर्ताओं ने इसकी सरकार से उचित जांच करने की मांग की है। शिकायतकर्ताओं ने जिन पर आरोप लगाए हैं उनकी संपत्ति की भी जाँच करने की मांग उठाई है।
उल्लेखनीय है कि कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में पेपर लीक होने का मामला अभी सुलझा नहीं है। मामले में 11 से ज्यादा एफआईआर और 25 लोगों पर केस दर्ज हो चुके हैं। कर्मचारी चयन आयोग के भंग होने के बाद प्रदेश के लाखों युवाओं के लिए रोजगार की राह में दिक्कतें पैदा हो गई हैं। आयोग के माध्यम से पहले हर साल विभिन्न श्रेणियों के 3000 पदों पर भर्तियां होती थीं।
बता दें कि 23 दिसंबर 2022 को भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले के कारण चयन आयोग को सरकार ने भंग कर दिया। पिछली सरकार ने निकाली गई भर्तियों के परीक्षा परिणाम रोक रखे हैं। परीक्षा परिणाम न निकलने की वजह से लाखों युवाओं का भविष्य अधर में हैं। वहीँ अब लोक सेवा आयोग शिमला पर पेपर लीक के गंभीर आरोप लगने से नई चर्चाओं ने माहौल गरमा दिया है। हालांकि, इन आरोपों में कितनी सच्चाई है यह अभी जांच का विषय है, और जाँच के बाद ही सपष्ट तो पर कुछ कहा जा सकता है। अब देखने वाली बात यह होगी की इस मामले में सुक्खू सरकार जाँच करवाती है या नहीं।