शिमला ब्यूरो|
Himachal News: हिमाचल में 15 साल पुराने सरकारी वाहनों (Government Vehicles ) को स्क्रैप किया जाएगा। इसके साथ ही राज्य के सरकारी विभागों, बोर्ड व निगमों में 15 साल पुराने वाहनों के पंजीकरण को भी रद कर दिया गया है। राज्य सरकार 15 साल पुराने सभी वाहनों को बदल कर इनके स्थान पर ई वाहनों को शामिल करेगी।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शनिवार को प्रेसवार्ता में यह जानकारी देते हुए बताया कि इस साल सरकार राज्य में छह पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग और ऑटोमेटिक टेस्टिंग सेंटर शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि पुराने हो चुके वाहनों को सरकार स्क्रैप करेगी। स्क्रैप की सुविधा जल्द ही जिला स्तर पर होगी। इसके लिए जिला स्तर पर स्क्रैप सेंटर खाेलने जा रही है।
उन्होंने बताया कि वाहन स्क्रैपिंग सेंटर (Scrapping Center in Himachal) स्थापित करने के लिए 31 जनवरी तक इच्छुक लोगों से निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। 1 अक्तूबर से सभी वाहनों की पासिंग ऑटोमेटिक टेस्टिंग सेंटर पर ही होगी। इससे एमवीआई का रोल खत्म हो जाएगा।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। वाहनों की फिटनेस अभी तक मैनुअली होती थी। लेकिन अब इसमें बदलाव कर दिया गया है। अब फिटनेस स्वचलित परीक्षण केंद्रों में होगी। इसके लिए एटीएस सेंटर जिला स्तर पर खोले जा रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आरटीओ, एआरटीओ सहित अन्य अधिकारी अब ई चालान करेंगे। 31 मार्च के बाद मैनुअल चालान काटना बंद हो जाएगा। सभी को पुलिस की तरह पीओएस मशीनें दी जाएगी। सभी परिवहन बैरियरों पर एएनपीआर सीसीटीवी प्रणाली स्थापित की जा रही है। तेज रफ्तार, बिना सीट बेल्ट, सहित अन्य तरह का रिकार्ड अपने आप इसमें आ जाएगा। इससे टैक्स चोरी कम होगी और राजस्व में बढ़ोतरी होगी। इससे यह भी पता लग जाएगा कि गाड़ी का पिछला टैक्स बकाया तो नहीं है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि एएनपीआर तकनीक के जरिये सीसीटीवी कैमरों की मदद से नियम तोड़ने पर ऑनलाइन चालान होंगे। गाड़ी के दस्तावेज भी ऑनलाइन ही जांचे जा सकेंगे। 2024 परिवहन विभाग के लिए सुधार का साल रहेगा। मुकेश ने बताया कि परिवहन विभाग का सालाना राजस्व 500 करोड़ से बढ़कर 800 करोड़ पहुंच गया है, इसे 1000 करोड़ पहुंचाने का लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि ई टैक्सी योजना के तहत 1221 आवेदन आए थे, इसमें 111 गाड़ियों की डिमांड सरकारी विभागों से आई है। उन्होंने कहा कि राज्य में 2811 इलेक्ट्रिक गाड़ियां पंजीकृत हैं। इनमें से 2412 हैं और 399 व्यावसायिक वाहन हैं। सरकारी विभागों के पास 19 गाड़ियां हैं। ई-टैक्सी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में ई-टैक्सी के 500 परमिट युवाओं को दिए जाएंगे। इसके लिए दिशा-निर्देश तय कर दिए गए हैं।
अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने एक नंबर की सीरीज को भी निजी वाहनों के लिए देने का फैसला लिया है। पहले यह सीरीज केवल सरकारी गाड़ियों के लिए रखी गई थी। अब इन्हें निजी वाहनों को बोलियों पर दिया जा रहा है और इसके लिए पांच लाख से ज्यादा की बोलियां रखी गई हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक गाड़ियों के कुल 3155 फैंसी नंबर जारी किए जा चुके हैं जिनसे परिवहन विभाग को 11 करोड़ की आय हुई है।
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