Baba Balaknath Temple Prasad: जांच में हुआ खुलासा.!, खाने लायक नहीं बाबा बालकनाथ मंदिर ट्रस्ट की दुकान का प्रसाद

Baba Balaknath Temple Prasad Sample Failed: बालयोगी को चढ़ने वाला यह रोट का प्रसाद आटा, मैदा, डालडा घी या रिफांइड, चीनी और गुड़ से बनाया जाता है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यह रोट खाने लायक नहीं थे।

Baba Balaknath Temple Prasad: जांच में हुआ खुलासा.!, खाने लायक नहीं बाबा बालकनाथ मंदिर ट्रस्ट की दुकान का प्रसाद
Baba Balaknath Temple Prasad: जांच में हुआ खुलासा.!, खाने लायक नहीं बाबा बालकनाथ मंदिर ट्रस्ट की दुकान का प्रसाद

हमीरपुर|
Baba Balaknath Temple Prasad: हमीरपुर के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर, दियोटसिद्ध में मंदिर न्यास द्वारा संचालित कैंटीन में तैयार किए गए ‘रोट’ प्रसाद के दो सैंपल खाद्य सुरक्षा जांच में फेल हो गए हैं। जांच में यह पाया गया कि ये ‘रोट’ खाने योग्य नहीं थे, बल्कि बासी और खराब पाए गए थे, जिनकी स्टोरेज भी सही तरीके से नहीं की गई थी। इस बात की जानकारी मिलते ही उपायुक्त ने मंदिर न्यास द्वारा चलाए जा रहे कैंटीन को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश जारी किया है।

अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। बाबा बालक नाथ मंदिर में प्रसाद के रूप में ‘रोट’ तैयार किया जाता है, जिसमें गेहूं का आटा, चीनी, देसी घी या वनस्पति तेल का उपयोग होता है। हर साल लगभग 50 से 75 लाख श्रद्धालु इस प्राचीन गुफा मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं और बाबा बालकनाथ को प्रसाद स्वरूप ‘रोट’, मिठाइयां और अन्य चीजें चढ़ाते हैं।

प्रसाद को लेकर मिली थी शिकायतें (Baba Balaknath Temple Prasad)

अधिकारियों के मुताबिक, मंदिर में चढ़ाए जाने वाले ‘रोट’ के संबंध में कई श्रद्धालुओं से शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद खाद्य सुरक्षा विभाग ने इस प्रसाद के नमूने लेकर जांच के लिए सोलन जिले के कंडाघाट स्थित प्रयोगशाला में भेजे।

जांच रिपोर्ट में यह पाया गया कि ‘रोट’ खाने के योग्य नहीं थे और वे सेहत के लिए हानिकारक हो सकते थे। सहायक आयुक्त (खाद्य एवं सुरक्षा) अनिल शर्मा ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर इन ‘रोट’ के नमूने फेल हो गए हैं और विभाग जल्द ही इसके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करेगा।

कैंटीन को बंद करने का आदेश

जांच रिपोर्ट के सामने आने के बाद उपायुक्त ने बाबा बालक नाथ मंदिर न्यास द्वारा संचालित कैंटीन को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया है। अब आगे से मंदिर में प्रसाद के नाम पर बासी या खराब सामग्री का उपयोग न हो, इसके लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।