Himachal: प्रदेश सरकार की कोशिशों से हिमाचल में दूध की खरीद में आई बड़ी बढ़ोतरी!

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Tek Raj


Himachal: प्रदेश सरकार की कोशिशों से हिमाचल में दूध की खरीद में आई बड़ी बढ़ोतरी!

Himachal Pradesh Milkfed: प्रदेश सरकार के सार्थक प्रयासों के फलस्वरूप हिमाचल प्रदेश में मिल्कफेड (Himachal Pradesh Milkfed) के माध्यम से दूध की खरीद में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। इसका श्रेय किसानों और पशुपालकों को लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से लिए गए प्रदेश सरकार के निर्णयों को जाता है।

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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि दूध की औसत खरीद 1.90 लाख लीटर प्रतिदिन के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई है जो पिछले वर्ष की 1.40 लाख लीटर प्रतिदिन की तुलना में 18 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि दुग्ध क्षेत्र को बढ़ावा प्रदान कर प्रदेश सरकार पशुपालन को अपनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम मिल्कफेड द्वारा दूध खरीद के आंकड़ों में स्पष्ट देखने को मिल रहे हैं।

प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण दुग्ध संग्रहण में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। दूध में वसा की मात्रा 3.50 प्रतिशत से बढ़कर 3.65 प्रतिशत और सॉलिड-नॉट-फैट की मात्रा 7.50 प्रतिशत से बढ़कर 7.70 हुई है। मिल्कफेड ने गत वर्ष के मई में 11.01 करोड़ रुपये और जून में 11.88 करोड़ रुपये की तुलना में इस वर्ष मई में 19.42 करोड़ रुपये और जून में 21.42 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए। सरकार के यह प्रयास प्रदर्शित करते हैं कि प्रदेश सरकार कृषक समुदाय की आय में बढ़ौतरी के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि गाय के दूध के खरीद मूल्य को 32 रुपये से बढ़ाकर 45 रुपये प्रति लीटर और भैंस के दूध के खरीद मूल्य को 55 रुपये प्रति लीटर किया है, जिससे पशुपालकों की आर्थिकी सुदृढ़ होगी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार (State Government) राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ( National Dairy Development Board ) के सहयोग से जिला कांगड़ा के ढगवार में अत्याधुनिक दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित कर रही है, जिसके लिए सरकार ने 201 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इस संयंत्र की प्रारम्भिक क्षमता 1.5 लाख लीटर प्रतिदिन है, जिसे तीन लाख लीटर प्रतिदिन तक बढ़ाया जा सकता है।

पूर्ण रूप से स्वचालित इस संयंत्र में दुग्ध आधारित अन्य उत्पाद जैसे दहीं, लस्सी, मक्खन, घी, पनीर, फ्लेवर्ड मिल्क, खोया और मोज़िला चीज़ जैसे विभिन्न प्रकार के डेयरी उत्पाद तैयार किए जाएंगे, जिससे दुग्ध उत्पादकों को उनके उत्पाद के बेहतर मूल्य मिल सकेंगे।

सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश की लगभग 95 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा कि किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर समृद्ध और आत्मनिर्भर हिमाचल की संकल्पना को साकार किया जा सकता है।

Tek Raj

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