प्रजासत्ता|
ग्रामीण क्षेत्रों में बीपीएल फर्जीवाडे को रोकने के लिए पंचायती राज विभाग नई व्यवस्था को लागू करने जा रहा है। साधन संपन्न व्यक्ति द्वारा प्रभाव का इस्तेमाल करके ग्राम सभा का समर्थन जुटाना भारी पड़ सकता है। बता दें कि अब कार, बाइक और एलईडी घर में रखने वाला कोई भी व्यक्ति गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) सूची में शामिल हुआ तो उसे बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
ऐसे लोगों के खिलाफ शिकायत प्राप्त होने के बाद ग्रामसभा की एक विशेष बैठक बुलाई जाएगी, जहां पर ऐसे व्यक्ति को आरोपों का जवाब देना पड़ेगा। यूं कहें तो साबित करना होगा कि उसके पास न तो कार है और न ही घर में लग्जरी सामान। उल्लेखनीय है कि बीपीएल की अंतिम सूची तैयार करने से पहले संबंधित क्षेत्र के लोग अब पंचायतीराज विभाग को आपत्तियां दर्ज करवा सकेंगे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यदि ग्रामसभा किसी अपात्र को बीपीएल सूची में शामिल करती है, तो उस क्षेत्र के लोगों को आपत्तियां दर्ज करवाने के लिए एक महीने का समय देगा। लोग विभाग या संबंधित अधिकारियों को गुप चुप तरीके से आपत्तियां दर्ज करवा सकेंगे। पंचायतीराज विभाग की ओर से ऐसे लोगों का नाम और जानकारी को गोपनीय रखेगा। आपत्तियां दूर करने के लिए विभाग विशेष ग्रामसभा आयोजित करेगा। यह प्रक्रिया 30 दिन में पूरी होगी।
विभाग एक महीने बाद संबंधित पंचायत को दोबारा से विशेष ग्रामसभा आयोजित करने का आदेश देगी। उसके बाद ग्रामसभा में प्रस्ताव पारित करके ऐसे व्यक्ति को बीपीएल से बाहर किया जाएगा। इससे पहले कोई भी आपत्तियां नहीं डाल सकता था। ऐसा पहली बार किया गया है।