Cement Price Hike in HP: अगर आप घर बनवाना या मरम्मत करवाना चाह रहे है तो इसके लिए आपको अपनी जेब ज्यादा ढ़ीली करनी होगी, क्योंकि सीमेंट कंपनियों ने हिमाचल प्रदेश में सीमेंट के दाम बढ़ा दिए हैं। जानकारी के अनुसार तीन सीमेंट कंपनियों ने सोमवार से प्रति बैग 15 रुपये दाम बढ़ोतरी की हैं। जिससे प्रदेश के निर्माण उद्योग और आम जनता दोनों पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव पड़ने वाला है।
जानकारी अनुसार इस बार प्रदेश के साथ लगते राज्य पंजाब में भी सीमेंट की कीमत बढ़ाई गई है। बता दें कि 20 दिन में सीमेंट के दाम 25 रुपये बढ़ाए गए हैं। इससे पहले कंपनियों ने बीते 24 अगस्त को कीमतों में 10 रुपये का इजाफा किया था। सीमेंट के के दाम बढ़ने से हिमाचल में अब लोगों को अपने सपनों का घर बनाना महंगा पड़ने वाला है।
प्रदेश में बढ़ती सीमेंट की कीमतों (Cement Price Hike ) का असर निर्माण परियोजनाओं की लागत पर पडेगा, खासकर उन परियोजनाओं पर जो पहले से ही बजट में थीं। निर्माण उद्योग में काम करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सीमेंट की कीमतें और बढ़ती हैं, तो इसका सीधा असर रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर देखने को मिल सकता है।
सीमेंट की बढ़ती कीमतें खासकर उन क्षेत्रों में अधिक प्रभाव डाल रही हैं, जहां निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और जहां लोगों ने अपने घरों और इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए पहले ही बजट तैयार कर लिया है।
बीजेपी-कांग्रेस की खींचातानी के बीच हिमाचल में सीमेंट के दाम बढ़े
हिमाचल प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस की खींचातानी और कर्मचारियों की हड़ताल के बीच, बिजनेस घरानों ने हिमाचल प्रदेश में सीमेंट के दाम अचानक बढ़ा दिए हैं। बिना किसी पूर्व सूचना के सभी डीलरों को तुरंत प्रभाव से पहले 10 और अब 15 रुपये प्रति बैग की वृद्धि लागू करने का निर्देश दिया गया है।
इस मुद्दे पर दोनों प्रमुख दल समय-समय पर अपने-अपने दावे और आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन इस मसले पर कार्रवाई को कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही इस विषय पर जनता को आश्वस्त करते रहे हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि सीमेंट के दाम बिना किसी सरकारी बातचीत के ही बढ़ा दिए गए हैं।
इस संदर्भ में किसी भी पार्टी के पास स्पष्ट उत्तर नहीं है कि आखिरकार बिना सरकार की अनुमति के दाम कैसे बढ़ाए जा सकते हैं। दोनों दल जनता के बीच हल्ला मचाने में व्यस्त रहते हैं, लेकिन इस पर सही ढंग से ध्यान नहीं देते। विपक्ष में बैठने वाले दल हमेशा ही सत्ता में बैठे दल पर
कंपनियों के बारे में यह दावा किया जा रहा है कि वे सरकारों को कथित तौर पर ‘नज़राना’ दे देती हैं, और इसके बाद मामला शांत हो जाता है। ऐसे में सीमेंट की कीमतों में अचानक वृद्धि और सरकार की चुप्पी पर सवाल उठते हैं।
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