Himachal News: धर्मशाला में बेरोजगार युवाओं का प्रदर्शन: नियमित भर्तियों और ठोस नीति की मांग

HP News: हिमाचल प्रदेश के बेरोजगार युवाओं ने गुरुवार को जोरावर मैदान में एकत्रित होकर राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।

Himachal News: धर्मशाला में बेरोजगार युवाओं का प्रदर्शन: नियमित भर्तियों और ठोस नीति की मांग
Himachal News: धर्मशाला में बेरोजगार युवाओं का प्रदर्शन: नियमित भर्तियों और ठोस नीति की मांग

Himachal News: हिमाचल प्रदेश में बेरोजगार युवाओं ने गुरुवार को जोरावर मैदान में एकत्रित होकर नारेबाजी करते हुए राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी युवाओं ने हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग के माध्यम से नियमित भर्तियां शुरू करने की मांग की। इसके बाद युवाओं ने विधानसभा की ओर बढ़ने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने बैरिकेड लगाकर उन्हें रोक दिया।

बेरोजगार महासंघ ने उठाई मांगें:

हिमाचल बेरोजगार युवा महासंघ और प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार केवल आश्वासन दे रही है, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 के बाद से राज्य चयन आयोग के माध्यम से कोई भी भर्ती नहीं हुई है। यहां तक कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के बावजूद, नियमित भर्तियों के बजाय आउटसोर्सिंग और गेस्ट फैकल्टी जैसी व्यवस्था अपनाई जा रही है।

भर्तियों पर सरकार की चुप्पी पर सवाल:

प्रदर्शनकारियों ने सवाल उठाया कि क्या सरकार को अपने तंत्र पर भरोसा नहीं है, जो ओएमआर शीट के माध्यम से परीक्षाएं आयोजित नहीं करवा रही? उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव के दौरान उपमुख्यमंत्री ने नियमित भर्तियां शुरू करने का वादा किया था, लेकिन वर्तमान में आउटसोर्स और गेस्ट फैकल्टी की भर्तियां युवाओं के साथ धोखा हैं।

युवाओं और अभिभावकों की चिंता:

युवाओं ने कहा कि दूर-दराज के क्षेत्रों से पढ़ाई पूरी कर नौकरी की उम्मीद करने वाले युवा निराश हो रहे हैं। अभिभावक बड़ी मुश्किलों से बच्चों को पढ़ा रहे हैं, लेकिन बेरोजगारी के चलते उनके प्रयास बेकार जा रहे हैं।

गेस्ट टीचर और आउटसोर्सिंग की भर्तियां पूरी तरह से बंद कर ठोस नीति की मांग:

प्रदर्शनकारी युवाओं ने सरकार से मांग की कि गेस्ट टीचर और आउटसोर्सिंग की भर्तियां पूरी तरह से बंद की जाएं और बेरोजगार युवाओं के लिए एक ठोस नीति बनाई जाए। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर 25 दिनों के भीतर उचित कदम नहीं उठाए गए, तो वे बड़े आंदोलन की ओर कदम बढ़ाने को मजबूर होंगे।