शिमला | 11, सितम्बर
Himachal News: हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर (Former Chief Minister Leader of Opposition Jairam Thakur)ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार द्वारा बिजली के शुल्क में डेढ़ गुना वृद्धि करके सरकार प्रदेश में चल रहे उद्योगों को बर्बाद करना चाह रही है। उन्होंने दावा किया कि ड्यूटी बढ़ाने के अलावा प्रोत्साहन के लिए दी जाने वाली रियायत को भी वापस ले लिया है। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण और राजनीतिक भावना से लिया गया निर्णय है।
जयराम ने कहा कि प्रदेश में उद्योग-धंधों को बर्बाद करने और उन्हें प्रदेश से बाहर भेजने पर योजनाबद्ध तरीके से काम हो रहा है। एक तरफ सरकार के तुगलकी फैसले उद्योगों में आर्थिक असुरक्षा की भावना पैदा कर रहे हैं तो दूसरी तरफ बेखौफ माफिया तंत्र (fearless mafia system) उद्योगपतियों को डरा रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह माफिया किसकी शह पर काम कर रहा है, इन्हें कौन संरक्षण दे रहा है, यह बात मुख्यमंत्री को पता करके उन पर कार्रवाई करनी चाहिए।
पूर्व सीएम ने कहा कि हम उद्योगपतियों को देश में सबसे सस्ती बिजली देने का वादा करके लाए और आज उन्हें सबसे महंगी बिजली मिल रही है। बिना उद्योग प्रदेश के विकास की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि एचटी लाइन के तहत उद्योग के लिए बिजली ड्यूटी 11 से बढ़ाकर 19 प्रतिशत कर दी है।
ईएचटी के तहत उद्योगों के लिए इसे 13 से बढ़ाकर 19 प्रतिशत कर दिया गया है। छोटे और मध्यम उद्योगों पर बिजली ड्यूटी 11 से 17 प्रतिशत कर दी है। सीमेंट संयंत्रों पर बिजली ड्यूटी 17 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दी है। यही नहीं डीजल जनरेटर सेट द्वारा बिजली उत्पादन पर 45 पैसे प्रति यूनिट की दर से शुल्क भी लगाया गया है।
जयराम ने कहा कि बिजली शुल्क में वृद्धि(increase in electricity charges) से प्रदेश में सीमेंट और लोहे के दाम(prices of cement and iron) भी बढ़ जाएंगे, जिससे आपदा में अपना घर गंवा चुके लोगों को दोहरी मार पड़ेगी। सरकार ने पहली आपदा के बाद ही डीजल के दाम बढ़ाकर आपदा प्रभावित प्रदेश में लोगों पर महंगाई का बोझ डाल दिया था। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार बिजली, पानी, कूड़ा उठाने के साथ प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाकर लोगों पर महंगाई का बोझ पहले ही डाल चुकी है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आपदा के समय में भी प्रदेश के लोगों पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष महंगाई का बोझ बढ़ाना किसी भी तरह से सही नहीं है।
पूर्व सीएम जयराम ने कहा कि उद्योगों के लगने से प्रदेश में उत्पादन होता है। प्रदेश में हजारों की संख्या में लोगों को सीधा रोजगार मिलता है। इसके अलावा भी तमाम तरह के अवसर उपलब्ध होते हैं लेकिन सरकार के इस तरह के फैसले से उद्योग पलायन कर गए तो इसका सीधा असर रोजगार पर पड़ेगा। हजारों की संख्या में लोग बेरोजगार हो जाएंगे।
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