Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश सरकार जल्द ही प्री-प्राइमरी कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने के लिए 6,297 प्री-प्राइमरी प्रशिक्षकों (Pre-Primary Instructor Recruitment) की भर्ती शुरू करेगी। यह भर्ती राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के नियमों के तहत की जाएगी और नियमों में किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी जाएगी।
सरकारी स्कूलों में नर्सरी और केजी कक्षाओं के लिए नियुक्त किए जाने वाले इन प्रशिक्षकों को “प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा प्रशिक्षक” का पदनाम दिया जाएगा। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर (Education Minister Rohit Thakur) ने मंगलवार को सचिवालय में शिक्षा विभाग और हिमाचल प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें उन्होंने भर्ती प्रक्रिया को जल्द शुरू करने के निर्देश दिए और एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) जारी करने का आदेश भी दिया ताकि किसी प्रकार का भ्रम न उत्पन्न हो।
इस भर्ती को आउटसोर्सिंग के आधार पर निगम के माध्यम से किया जाएगा। भर्ती के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को दो वर्ष का डिप्लोमा करना अनिवार्य होगा। प्री-प्राइमरी प्रशिक्षकों को लगभग 7,000 रुपये प्रति माह वेतन मिलेगा, लेकिन वेतन केवल दस महीनों के लिए दिया जाएगा। दो महीने की छुट्टियों का वेतन नहीं दिया जाएगा।
प्री-प्राइमरी प्रशिक्षक भर्ती की पात्रता (Pre-Primary Instructor Recruitment Eligibility)
प्री-प्राइमरी प्रशिक्षक भर्ती के लिए उम्मीदवारों की आयु 21 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए। केवल वे उम्मीदवार, जिन्होंने 12वीं कक्षा में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं और जो हिमाचल प्रदेश के निवासी हैं, वे ही भर्ती के लिए पात्र होंगे। प्रशिक्षक, जिला स्तर पर प्राथमिक शिक्षा के उपनिदेशक के मार्गदर्शन में काम करेंगे और स्कूल के वरिष्ठ शिक्षक के अधीन रहकर कार्य करेंगे।
नियमों के अनुसार, यदि उम्मीदवार हिमाचल प्रदेश के बाहर से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करते हैं, तो उन्हें वास्तविक हिमाचली नागरिक होना आवश्यक होगा। इसके अतिरिक्त, धोखाधड़ी रोकने के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसी उम्मीदवारों की पूरी तरह से स्क्रीनिंग करेगी, और डिप्लोमा प्रमाणपत्रों की प्रामाणिकता की भी जांच की जाएगी।
चंबा स्कूल की स्थिति पर शिक्षा मंत्री ने उठाए सवाल
शिक्षा मंत्री ने चंबा जिले के एक सरकारी स्कूल की खस्ता हालत को लेकर गंभीर चिंता जताई। इस स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए पशु बंधे हुए थे। शिक्षा मंत्री ने उप-निदेशक उच्चतर शिक्षा चंबा से इस मामले की पूरी रिपोर्ट तलब की है। मंत्री ने कहा कि यह स्कूल 30 से 35 साल पुराना है और सरकार इसे जल्द सुधारने की दिशा में कदम उठाएगी। अगर बजट की आवश्यकता पड़ी तो उसे भी जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बच्चे इस हालात में पढ़ाई कर रहे हैं, और इसे सुधारने की आवश्यकता है।”
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर का विपक्ष पर तंज
सचिवालय में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने विपक्ष पर भी तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास अब कोई ठोस काम नहीं बचा है। कांग्रेस पार्टी ने जो गारंटियां दी हैं, उन्हें सरकार हर हाल में पूरा करेगी। उन्होंने आगे कहा, “सरकार की लोकप्रियता का प्रमाण जनता देती है, और उप चुनावों में जनता ने कांग्रेस को जीताकर यह प्रमाण दे दिया है। भाजपा अब लोगों को गुमराह करने का काम कर रही है।”
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