Himachal Home Stay Policy : हिमाचल प्रदेश में अब शहरों में भी होम स्टे संचालित किए जा सकेंगे, और इसके लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) की आवश्यकता नहीं होगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हाल ही में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में होम स्टे नीति (Himachal Home Stay Policy) को मंजूरी दी गई है। इस नए निर्णय के तहत प्रदेश में होम स्टे के संचालन के लिए नियमों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिससे न केवल स्थानीय संचालकों को राहत मिलेगी, बल्कि राज्य सरकार को भी अधिक लाभ प्राप्त होगा।
पहले होम स्टे कारोबार में बाहरी राज्यों के लोग भी शामिल थे, जिससे प्रदेश की सरकार को पर्याप्त लाभ नहीं मिल रहा था। इस समस्या का समाधान करते हुए अब सरकार ने केवल हिमाचली नागरिकों को ही होम स्टे संचालन की अनुमति देने का फैसला किया है। इसके तहत पंजीकरण केवल उन्हीं व्यक्तियों का होगा, जो प्रमाणित रूप से हिमाचल प्रदेश के निवासी होंगे।
इसके अलावा, नई नीति में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग शुल्क और नियम तय किए गए हैं। सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि अब होम स्टे संचालन के लिए प्रदूषण बोर्ड या स्थानीय निकायों से अनापत्ति प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे प्रक्रिया सरल हो गई है। साथ ही, पंजीकरण फीस भी बढ़ा दी गई है, और रिन्यूवल फीस को भी नए नियमों के तहत संशोधित किया गया है।
HP Home Stay Policy में शुल्क में वृद्धि और नए प्रावधान
अब, होम स्टे के पंजीकरण के लिए शुल्क 100 रुपए से बढ़ाकर हजारों में कर दिया गया है। उदाहरण के तौर पर, नगर निगम क्षेत्र में चार से छह कमरों वाले होम स्टे की रिन्यूवल फीस 12,000 रुपए होगी, जबकि पंचायतों में पंजीकरण शुल्क 6,000 रुपए निर्धारित किया गया है।
इसके अतिरिक्त, एक से तीन कमरों वाले होम स्टे के लिए शुल्क में भी वृद्धि की गई है। यदि कोई व्यक्ति तीन साल के लिए एक साथ रिन्यूवल फीस अदा करता है, तो उसे 10 प्रतिशत का डिस्काउंट भी मिलेगा। इसके साथ ही, होम स्टे इकाइयों में उचित मल निकासी और कचरा प्रबंधन की व्यवस्था अनिवार्य कर दी गई है। वर्षा जल संचयन प्रणालियों को प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि पर्यावरणीय दृषटिकोन से भी ये इकाइयाँ अधिक टिकाऊ बन सकें।
इस नीति के तहत प्रदेश सरकार का लक्ष्य होम स्टे (Himachal Home Stay Policy) के कारोबार को सुव्यवस्थित करना और स्थानीय लोगों को इस क्षेत्र में सशक्त बनाना है।
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