Himachal Cryptocurrency Fraud: हिमाचल पुलिस की एसआईटी ने क्रिप्टोकरेंसी ठगी मामले में हाईकोर्ट में दायर की स्टेटस रिपोर्ट

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Tek Raj


Himachal News डीजीपी संजय कुंडू Himachal Cryptocurrency Fraud

शिमला |
Himachal Cryptocurrency Fraud: हिमाचल पुलिस की एसआईटी ने क्रिप्टोकरेंसी ठगी मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दायर कर दी है। इसकी जानकारी हिमाचल पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू (Director General of Police Sanjay Kundu) ने पत्रकारों से बातचीत में दी। कहा कि नौ आरोपियों ने अग्रिम जमानत की अर्जी दी थी, जो स्वीकार नहीं हुई है।

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डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी में करीब एक लाख लोगों ने निवेश किया और 2500 करोड़ का लेनदेन हुआ। इसमें 500 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया गया। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी ठगी मामले में अब तक 18 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। इसमें चार पुलिस कर्मी भी शामिल हैं। मामले में जिनके खिलाफ भी साक्ष्य मिलेंगे, उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। कहा कि ठगी मामले में चार मुख्य आरोपी हैं।

कुंडू ने कहा कि हाल में गिरफ्तार किए आठ आरोपी 9 नवंबर तक पुलिस हिरासत में हैं। डीजीपी ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी ठगी मामले में अब तक 350 शिकायतें मिली हैं, जिनकी जांच की जा रही है और उचित कार्रवाई की जाएगी।

कुंडू ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड (Cryptocurrency Fraud) में से एक मुख्य आरोपी सुभाष दुबई में है, जबकि तीन गिरफ्तार हो चुके हैं। मामले में अब तक 12 करोड़ रुपये की संपत्ति फ्रीज की गई है। 70 से 80 लोग ऐसे हैं, जिन्होंने दो करोड़ रुपये से अधिक का मुनाफा कमाया। ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा।

कुंडू ने कहा कि Cryptocurrency Fraud मामले के तार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़े होने की आशंका को देखते हुए अभी यह पता नहीं चल पाया कि यह पैसा टेरर फंडिंग के लिए नहीं गया या कहीं और। इसके लिए केंद्रीय खुफिया, सुरक्षा और कर एजेंसियों को पत्र लिखा है। साथ ही यह भी मांग की है कि ऐसा कैसा हो गया कि इतना बड़ा लेनदेन बैंकिंग व टैक्स सिस्टम की पकड़ में क्यों नहीं आया?

संजय कुंडू ने कहा कि मुख्य आरोपी सुभाष व अन्य क्रिप्टोकरेंसी ठगी को सही दर्शाने के लिए निवेशकों को विदेश ले गए। इन विदेश दौरों के लिए 3.50 करोड़ रुपये खर्च किए। दो हजार से ज्यादा विदेश दौरे किए गए। कहा कि यह एक बहुत बड़ा ठगी का मामला था। आरोपियों ने सरकारी कर्मचारियों को भी जाल में फंसाया।

डीजीपी ने कहा कि बीयूडीएस एक्ट (बैनिंग ऑफ अन रेग्यूलेटिंग डिपॉजिट स्कीम) में बिना आरबीआई व सेबी की अनुमति से न तो लोगों से पैसा इकट्ठा कर सकते हैं और न निवेश कर सकते हैं। इस एक्ट के तहत आरोपियों पर कार्रवाई की जा रही है।

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