Himachal News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पुलिस जिला बद्दी की कार्यप्रणाली को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए उन पुलिस अधिकारियों और जवानों की जानकारी मांगी है, जो पिछले तीन वर्षों से एक ही स्थान पर तैनात हैं। न्यायाधीश त्रिलाक चौहान और सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने एक मामले की सुनवाई के दौरान यह निर्देश जारी किए।
अनियमितताओं के कारण सख्त आदेश
मामले कि सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा कि जांच एजेंसियों द्वारा बड़े पैमाने पर की जा रही अनियमितताओं के कारण उन्हें यह कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा। कोर्ट ने पाया कि बद्दी पुलिस जिला में कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती पिछले 15 वर्षों से एक ही स्थान पर है, जबकि सामान्यत: उन्हें तीन वर्ष के बाद स्थानांतरित किया जाना चाहिए था।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह समझने के लिए विशेष ज्ञान की आवश्यकता नहीं है कि ये अधिकारी इतने लंबे समय से क्यों तैनात हैं।
हाईकोर्ट ने प्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि वे पुलिस इस्टेबलिशमेंट कमेटी की बैठक बुलाएं और बद्दी के अराजपत्रित पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण के लिए एक प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजें। इस प्रस्ताव में सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रकाश सिंह मामले में दिए गए निर्देशों का पालन किया जाएगा।
हालांकि, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि हर मामले में अधिकारियों का स्थानांतरण अनिवार्य नहीं है। स्थानांतरण के मामले में उनके गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को निर्धारित की है।