प्रजासत्ता ब्यूरो |
HP Paper Leak Case : हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले में मामले में कई पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गहन जांच के बाद सोमवार को 88 आरोपितों के खिलाफ शिमला की विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर कर दिया है।
इस मामले में जिन अधिकारियों और संस्थानों की भूमिका संदिग्ध पाई है, उन संस्थानों के नाम राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी को भेज दिये गए हैं। चूक व लापरवाही के लिए हिमाचल प्रदेश पुलिस के तत्कालीन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की गई है। बता दें कि इसकी रिपोर्ट प्रदेश सरकार के पास भी पहुंच गई है। अब गृह विभाग आगामी प्रकिया अमल में लाएगा।
भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के बाद 27 मार्च, 2022 को आयोजित हिप्र पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के दो मामलों की जांच सीबीआई ने अपने हाथ में ली थी। सीबीआई की जांच से पता चला है कि बिहार के रहने वाले दो आरोपितों ने अन्य के साथ मिलकर हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के प्रश्नपत्र को चुराने साजिश रची। फिर ये प्रश्नपत्र बिचौलियों के माध्यम से 3 से 5 लाख रुपये लेकर उम्मीदवारों को सौंप दिए। यह रकम मंडी, कांगड़ा, चंडीगढ़, पंचकुला, ज़ीरकपुर, मोहाली में ली गई थी। इस अवधि के दौरान आरोपित व्यक्तियों के खातों में 1.25 करोड़ स्थानांतरित किए गए।
जांच में परीक्षा पत्रों के लीक होने पर बिहार, यूपी, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा स्थित संगठित समूहों की सांठगांठ का खुलासा हुआ। यह भी पाया गया कि नालंदा (बिहार), कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश), रोहतक (हरियाणा), दिल्ली और जम्मू में विभिन्न निजी संस्थान चलाने वाले व्यक्तियों ने मिलीभगत की।
सीबीआई के मुताबिक भारतीय रेलवे, शिक्षा विभाग, हिमाचल प्रदेश से संबंधित तत्कालीन लोक सेवकों की भूमिका, फिर हिमाचल प्रदेश के जेई और जेओए (बिजली बोर्ड), चंडीगढ़ पुलिस के तत्कालीन कांस्टेबल, दिल्ली सरकार के तत्कालीन अधिकारी, एक पूर्व सैनिक और तत्कालीन रक्षा लेखा और अधिकारी की भूमिका जांच के दौरान ऑडिट भी सामने आया।
उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश की पूर्व भाजपा सरकार में पुलिस कांस्टेबल के 1334 पदों को लेकर 27 मार्च 2022 को परीक्षा हुई। इसके बाद पेपर लीक होने का खुलासा हुआ। सरकार ने परीक्षा रद्द कर दी थी। इस मामले में सरकार ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। इसके बाद इस मामले की जांच सीआईडी की ओर से भी की गई और प्रदेश के साथ ही बाहरी राज्यों में दबिश देकर कई साक्ष्य जुटाए। 180 से अधिक आरोपियों के खिलाफ अदालत में चालान पेश किए। उस समय हिमाचल में कांग्रेस पार्टी विपक्ष में थी, उन्होंने मामले की जांच सीबीआई से कराने का मामला उठाया। अब इसकी जांच सीबीआई कर रही है।
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