प्रजासत्ता|
रक्त दान सबसे बड़ा दान माना जाता है। लोग श्रद्धा से रक्तदान करते हैं, वहीँ सरकार भी करोड़ों रूपये खर्च कर लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करती है। लेकिन कई बार ऐसी शर्मसार करने वाली घटनाएँ सामने आती हैं, जिससे रक्तदान करने वाले लोगों को निराश होना पड़ता है। ताज़ा मामला राजधानी शिमला के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी का है, जहाँ अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है।
जानकारी के अनुसार राजेन्द्र कुमार अर्की निवासी और एक अन्य युवक AB पॉजिटिव रक्त, दान करने के लिए आईजीएमसी गये हुए थे। रक्तदान करने के बाद उन्हें जो रिफ्रेशमेंट दी गई, वह एक्सपायरी डेट की थी। राजेद्र कुमार का कहना है कि एक युवक ने तो उसे अनजाने में खा भी लिया, लेकिन जब उन्होंने अपने रिफ्रेशमेंट पैकेट को देखा तो उसकी वैधता सात दिन पहले ही समाप्त हो चुकी थी। राजेन्द्र ने इस बात का जिक्र वहां पर मौजूद कर्मचारियों से किया तो वह इस कोई संतोषपूर्ण जबाब नही दे पाए। इसके बाद उन्होंने वहां मौजूद महिला डॉक्टर से इस बारे में सवाल पूछा की, आखिर क्यों उन्हें एक्सपायरी डेट की रिफ्रेशमेंट बाँट दी गई। एक युवक ने तो उसे गलती से खा भी लिया।
राजेन्द्र कुमार ने बताया कि इस पर वहां मौजूद महिला डॉक्टर ने उन्हें मामले को ज्यादा तूल न देने को कहा। राजेन्द्र कुमार ने कहा कि उनकी इस लापरवाही को वह मीडिया के माध्यम से सबके सामने रखेंगे। राजेंद्र कुमार ने कहा कि अगर अस्पताल प्रशासन रक्तदान के बाद उन्हें अच्छी रिफ्रेशमेंट नहीं दे सकता तो वह स्वयं अपने खर्चे पर खरीद कर कुछ खाने के लिए ला सकते हैं, लेकिन इस तरह एक्सपायरी डेट की रिफ्रेशमेंट देकर उनके या अन्य लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ ना किया जाए। इससे महिला डॉक्टर गुस्से में आ गई और राजेन्द्र कुमार को खरी-खोटी सुनाते हुए वहां से गेट आउट कहते हुए इतना तक कह दिया कि मैं देख लुंगी तुम क्या कर लोगे।
जहां अपनी इच्छा से रक्तदान करने वालों को देख कर अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिलती हैं वही इस तरह की घटनाएं लोगों को सोचने पर मजबूर कर देती है। रिफ्रेशमेंट के नाम पर जो धोखा राजेन्द्र कुमार व अन्य युवक के साथ हुआ, उसका विरोध करने पर अस्पताल के कर्मचारियों ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया उस से वह काफी निराश व आहत हैं। रक्तदान करने वालों को हर जगह मान-सम्मान मिलना चाहिए, ताकि अन्य लोग भी प्रेरित हों।
इस मामले पर महिला डॉक्टर का पक्ष जानने के लिए उनसे बात की गई तो, उन्होंने माना की गलती से एक्सपायरी डेट की रिफ्रेशमेंट बाँट दिए गए, जिसके लिए उन्होंने राजेन्द्र से माफ़ी भी मांग ली थी, इसके बाबजूद भी राजेन्द्र कुमार ऊँची आवाज में बात करने लगा और महिला स्टाफ से भी दुर्व्यवहार किया।
वही मामले को लेकर पूरी जानकारी वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ जनक राज को भी दे दी गई है। ।