प्रजासत्ता ब्यूरो | 22 सितम्बर
हिमाचल प्रदेश के स्मार्ट सिटी शिमला और धर्मशाला के प्रोजेक्ट में निर्माण कार्यों में हुई गड़बड़ियों का मामला शुक्रवार को विधानसभा सदन में गूंजा। विधायक सुधीर शर्मा और हरीश जनारथा ने स्मार्ट सिटी के कार्यों में हुई अनियमितताओं की सूची भी मांगी। इस पार जबाब देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि स्मार्ट सिटी शिमला और धर्मशाला में हुई गड़बड़ियों की जांच की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी शिमला स्मार्ट सिटी की जगह स्टील सिटी बन गई है। इसलिए पहाड़ों की राजधानी में इसे देखते हुए स्टील स्ट्रक्चर निर्माण पर रोक लगा दी गई है। वहीँ धर्मशाला और शिमला में जहां-जहां स्मार्ट सिटी के कार्यों में अनियमितताएं बरती गई हैं, उसकी सूची उन्हें दी जाए। इसकी जांच करवाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने अधिकारियों पर दबाव बनाकर ऐसे फैसले लिए, जिससे इस शहर में स्टील के ढांचे खडे़ कर दिए गए हैं। हाल ही में बरसात में स्लाॅटर हाउस ध्वस्त हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट मार्च 2024 में खत्म होगा। जो निर्माणाधीन प्रोजेक्ट सही मानकों पर काम कर रहे है, उन्हें पूरा किया जाएगा।
वहीँ विधायक राजेश धर्माणी ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में टेक्निकल काम की मंजूरी, नॉन टेक्निकल लोगों द्वारा दी गई है। इसकी जांच होनी है। हरीश जनारथा ने कहा कि शहर में निर्माणाधीन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से मलबा डंप हुआ है। इससे ड्रेनेज सिस्टम प्रभावित हुआ है। शहर में आई आपदा में स्मार्ट सिटी का भी अहम रोल है।