Himachal News: जानिए असल वजह ! हिमाचल हाईकोर्ट ने क्यों दिए घाटे में चल रहे होटलों को बंद करने के आदेश..!

Himachal High Court News: हाईकोर्ट कोर्ट ने यह आदेश पर्यटन निगम से सेवानिवृत कर्मचारियों को वित्तीय लाभ न देने से जुड़े मामले पर सुनवाई के पश्चात दिए हैं।

Himachal News: जानिए असल वजह ! हिमाचल हाईकोर्ट ने क्यों दिए घाटे में चल रहे होटलों को बंद करने के आदेश..!
Himachal News: जानिए असल वजह ! हिमाचल हाईकोर्ट ने क्यों दिए घाटे में चल रहे होटलों को बंद करने के आदेश..!

Himachal News: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार को हाईकोर्ट (Himachal High Court)  से एक के बाद एक बड़े झटके लग रहे हैं। दरअसल बीते दिन  हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के घाटे में चल रहे 18 होटलों को तत्काल प्रभाव से बंद करने के आदेश दिए हैं। न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक को इन आदेशों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया है।

कोर्ट का तर्क: सार्वजनिक संसाधनों की बर्बादी को रोका जाए

कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि हिमाचल पर्यटन विकास निगम (Himachal Tourism Development Corporation) के इन होटलों को बंद करने का फैसला इसलिए लिया गया ताकि इन “सफेद हाथियों” के रख-रखाव में सार्वजनिक धन की बर्बादी रोकी जा सके।

अदालत ने कहा कि इन होटलों का संचालन जारी रखना राज्य के खजाने पर बोझ डालने जैसा है, क्योंकि इनसे कोई लाभ नहीं हो रहा है। कोर्ट ने यह भी माना कि राज्य सरकार बार-बार वित्तीय संकट का सामना करने की बात करती रहती है, और ऐसे में इन घाटे में चल रहे होटलों का संचालन जारी रखना राज्य की वित्तीय स्थिति को और कमजोर करता है।

हाईकोर्ट 56 होटलों के व्यवसाय की समीक्षा के बाद लिया गया फैसला

कोर्ट में पर्यटन निगम द्वारा संचालित कुल 56 होटलों के व्यवसाय से संबंधित जानकारी पेश की गई थी। इन आंकड़ों की समीक्षा के बाद, कोर्ट ने 18 होटलों को “सफेद हाथी” करार देते हुए कहा कि ये होटले राज्य के लिए बोझ बन चुके हैं। न्यायालय ने कहा कि पर्यटन विकास निगम अपनी संपत्तियों का लाभकारी तरीके से उपयोग करने में नाकाम रहा है। ऐसे में इन होटलों का संचालन जारी रखना राज्य के खजाने पर अतिरिक्त बोझ डालता है।

सेवानिवृत्त कर्मचारियों के वित्तीय लाभ का मुद्दा भी आया सामने

इस आदेश का एक और कारण सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनके वित्तीय लाभ न देने से जुड़ा मामला था। कोर्ट ने पर्यटन निगम से सेवानिवृत्त कर्मचारियों की सूची भी मांगी है, जिनके लाभ रोके गए हैं, साथ ही उन कर्मचारियों का भी विवरण मांगा है, जो अब इस दुनिया में नहीं रहे।

कोर्ट ने पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक को आदेश दिए हैं कि वह इन 18 होटलों को बंद करने के आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए शपथ पत्र दाखिल करें और सभी आवश्यक कार्रवाई करें।

हिमाचल के पर्यटन कारोबार पर बड़ा असर

हिमाचल हाईकोर्ट का यह फैसला राज्य के पर्यटन कारोबार के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है। जहां एक ओर हिमाचल की सुक्खू सरकार पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर इन घाटे में चल रहे होटलों के संचालन पर हाई कोर्ट ने सवाल उठाए हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस आदेश के बाद क्या कदम उठाती है और पर्यटन क्षेत्र में सुधार के लिए क्या योजनाएं बनाती है।

ये होटल है शामिल 

जिन होटलों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं उनमें द पैलेस होटल चायल, होटल गीतांजलि डलहौजी, होटल बाघल दाड़लाघाट, होटल धौलाधार धर्मशाला, होटल कुणाल धर्मशाला, होटल कश्मीर हाउस धर्मशाला, होटल एप्पल ब्लॉसम फागू, होटल चंद्रभागा केलांग, होटल देवदार खजियार, होटल गिरीगंगा खड़ापत्थर, होटल मेघदूत क्यारीघाट , होटल सरवरी कुल्लू, होटल लॉग हट्स मनाली, होटल हडिम्बा कॉटेज मनाली, होटल कुंजुम मनाली, होटल भागसू मैक्लोडगंज, होटल द कैसल नग्गर कुल्लू और होटल शिवालिक परवाणू शामिल हैं।