शिमला | 21 सितम्बर
Himachal News: हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र (Monsoon Session) के चौथे दिन कांग्रेस सरकार ने पूर्व जयराम सरकार के कार्यकाल के दौरान वित्तीय कुप्रबंधन को लेकर श्वेत पत्र लेकर आई। श्वेत-पत्र में बताया गया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की रिपोर्ट के अनुसार देश में सबसे ज्यादा कर्ज लेने वाले राज्यों में हिमाचल प्रदेश पांचवें स्थान पर पहुंच गया है।
श्वेत पत्र पर वक्तव्य देते हुए उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री (Deputy Chief Minister Mukesh Agnihotri) ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने चुनाव जीतने के लिए अन्तिम वर्ष में धन का जमकर दुरुपयोग किया। चुनाव जीतने के लिए पूर्व सरकार ने चक्रव्यूह रचा और अमृत महोत्सव, प्रगतिशील हिमाचल, जनमंच और स्थापना दिवस कार्यक्रम पर 16261 करोड़ की फिजूलखर्ची की। नतीजा यह हुआ कि हिमाचल पर वित्त वर्ष 2022-23 के अंत तक 92774 करोड़ का कर्ज व देनदारी चढ़ चुकी थी।
मुकेश अग्निहोत्री जब श्वेत पत्र की रिपोर्ट को सदन में सबके सामने रख रहे थे तो उस दौरान विपक्ष के विधायकों ने वेल में आकर जोरदार नारेबाजी की। स्पीकर के बार-बार कहने पर भी विपक्ष नहीं माना। विपक्ष के हंगामे को देखते हुए स्पीकर को सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी। जिससे मुकेश अग्निहोत्री सदन में पूरी रिपोर्ट नहीं रख पाए। भोजन अवकाश के बाद डिप्टी सीएम ने जैसे ही रिपोर्ट पढ़नी शुरू की, कुछ देर बाद विपक्ष ने फिर नारेबाजी शुरू कर दी।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि 2017 में राज्य पर 47906 करोड़ रुपए का कर्ज था। जब भाजपा सरकार की सत्ता से विदाई हुई तो कर्ज बढ़कर 76630 करोड़ रुपए हो गया। उन्होंने कहा कि राज्य को इस वक्त कर्ज अदायगी के लिए 9048 करोड़ रुपए चाहिए। कर्ज चुकाने को 3486 रुपए और ब्याज के भुगतान के लिए 5262 करोड़ रुपए की जरूरत है। कुल मिलाकर कर्ज का 9048 करोड़ कर्ज व ब्याज में देना है। सार्वजनिक क्षेत्र के 23 में से 13 उपक्रम 5000 करोड़ के घाटे में चल रहे है।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि चुनाव जीतने के लए पूर्व सरकार ने कर्मचारियों के लिए 10,600 करोड़ रुपए के संशोधित वेतन व महंगाई भत्ते का ऐलान तो कर दिया, लेकिन इसके एरियर का भुगतान नहीं किया। 10 हजार करोड़ वेतन और 600 करोड़ DA का पेंडिंग है। पूर्व सरकार ने 1 जनवरी 2022 में 3 फीसदी और एक जुलाई 2022 को 4 फीसदी DA की घोषणा की जो दिया नहीं गया।
राजनीतिक मकसद के लाया गया श्वेत पत्र
नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने बताया कि सरकार कर्ज को लेकर झूठे आरोप लगा रही है। हिमाचल की वित्तीय स्थिति किसी से छिपी नहीं है। हर सरकार को प्रदेश चलाने के लिए कर्ज लेना पड़ता है। यदि सरकार इतना काम कर रही है तो सुक्खू कर्ज लिए बिना सरकार चलाए। जयराम ठाकुर ने कहा कि यह श्वेत पत्र राजनीतिक मकसद के लाया गया है।