हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मुख्य द्वार और धर्मशाला में दीवारों पर खालिस्तान के झंडे बांधने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। इस बारे में खुद मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने जानकारी दी। सीएम ने ‘सिख फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) के जनरल काउंसल गुरपतवंत सिंह पन्नू की धमकी पर भी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा, ‘मैं ऐसी चीजों पर ज्यादा टिप्पणी नहीं करूंगा। जहां तक गुरपतवंत सिंह पन्नू का सवाल है, मैं उन्हें बहुत गंभीरता से नहीं लेता, हालांकि कुछ घटनाएं हो रही हैं जो चिंता का विषय हैं।’ बता दें कि सीएम का बयान तब आया है जब प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) के जनरल काउंसल गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ मामला दर्ज किए जा चुका है और राज्य पुलिस ने उन्हें मामले का ‘मुख्य आरोपी’ बताया है।
पुलिस ने पन्नू के खिलाफ धर्मशाला पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 153-ए और 153-बी, एचपी ओपन प्लेसेस (डिफिगरेशन की रोकथाम) अधिनियम, 1985 की धारा 3 और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 13 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
‘जय राम ठाकुर को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से सीख लेनी चाहिए’
सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने मंगलवार को एक ऑडियो संदेश में हिमाचल के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से सीखने और खालिस्तान समर्थक समूह के साथ संघर्ष शुरू नहीं करने को कहा।
राज्य के कुछ पत्रकारों को भेजे गए ऑडियो संदेश में पन्नू ने ठाकुर को धर्मशाला में खालिस्तानी झंडा फहराने के खिलाफ कोई कार्रवाई करने पर हिंसा की धमकी दी।
मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर सोमवार को आरपीजी हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘यह शिमला भी हो सकता था।’
पन्नू ने यह भी घोषणा की कि एसएफजे ऑपरेशन ब्लू स्टार की 38वीं वर्षगांठ पर जून में पांवटा साहिब से हिमाचल प्रदेश में खालिस्तान पर जनमत संग्रह की तारीख की घोषणा करेगा।
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