Shimla Masjid Controversy: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में मस्जिद निर्माण (Shimla Masjid Controversy) को लेकर बवाल मचा हुआ है। मस्जिद निर्माण के विरोध में उप नगर संजौली में विभिन्न संगठनों और स्थानीय लोगों ने वीरवार को प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद को गिराने की मांग की।
शिमला के चौड़ा मैदान में हिंदु संगठनों के लोग प्रदर्शन के लिए पहुंचे हैं। उधर, संजौली में जहां पर मस्जिद बनी है, वहां आसपास के इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। दरअसल, शिमला के संजौली में अवैध मस्जिद निर्माण को तोड़ने को लेकर हिन्दू संगठन अड़े हुए हैं। कांग्रेस के मंत्री ने भी इस मस्जिद को तोड़ने की मांग उठाई है। विधानसभा में भी यह मुद्दा उठा। मंत्री ने सदन में बताया कि यह जमीन सरकारी है जिस पर अवैध तरीके से निर्माण हुआ है।
अवैध निर्माण के विरोध में गुरुवार को दोपहर बजे संजौली चौक से ढली टनल तक और फिर चौक तक जोरदार प्रदर्शन किया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की। इसके बाद, प्रदर्शनकारी फिर से संजौली चौक पर लौट आए, जिससे ट्रैफिक जाम हो गया। प्रदर्शनकारी संजौली चौक पर बैठ गए, जिसके कारण वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और कई एंबुलेंस भी फंस गईं। प्रदर्शन में महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल थीं।
इस बीच, देवभूमि क्षत्रिय संगठन सवर्ण मोर्चा ने चौड़ा मैदान में प्रदर्शन किया और अपनी मांगें सरकार के सामने रखीं। संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रुमित ठाकुर ने बताया कि उनकी मुख्य मांग अवैध ढांचे को गिराने की है। इसके अलावा, उन्होंने प्रदेश में बाहरी राज्यों से आने वाले प्रवासियों का पंजीकरण कराने और सड़कों पर अवैध रूप से रेहड़ी-फड़ी लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग की।
शिमला में मीडिया से बातचीत के दौरान पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि यह किसी धार्मिक स्थल (Shimla Masjid Controversy) का मामला नहीं है। यह वैध और अवैध निर्माण का मामला है। साल 2010 में इसका निर्माण शुरू हुआ। यहां पर पहले दुकान हुआ करती थी।
इस मामले में कई बार नोटिस दिए गए लेकिन यहां पर जो निर्माण हुआ वह 6750 स्क्वायर फुट तक पहुंच गया। यह जमीन हिमाचल प्रदेश सरकार की है, और सरकार की जमीन पर कोई इस तरह निर्माण नहीं कर सकता।
सवाल यहां यह है कि इसका नक्शा किस तरह पास हो गया। इस मामले में नगर निगम शिमला की गलती है। आज सदन में भी यह मामला उठा है। मुख्यमंत्री से भी विभिन्न संगठनों के सदस्यों से मीले हैं। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है इसपर कार्रवाई होगी। मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि तहबाजारी नियमों को भी सख्ती से लागू किया जाए।
उल्लेखनीय है कि शिमला के संजौली में मस्जिद (Shimla Masjid Controversy) को लेकर विवाद दो समुदाय के युवकों में लड़ाई के बाद शुरू हुआ। तबसे इस मस्जिद को गिराने की मांग की जा रही है। आरोप लगाया जा रहा है कि यह मस्जिद अवैध रूप से बनाई गई है।
चार दिन पहले हिंदू संगठनों ने रैली निकाली, जिसमें शिमला नगर निगम के कांग्रेस के तीन पार्षद भी शामिल हुए और मस्जिद के बाहर धरना प्रदर्शन किया और मस्जिद में हुए निर्माण को गिराने की मांग उठाई। शहर में विशेष समुदाय के यूपी सहारनपुर के लोगो की दुकानें भी बंद करवा दी गई।
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