Shimla Masjid Controversy: संजौली मस्जिद विवाद में ओवैसी के बयान पर मंत्री विक्रमादित्य सिंह का पलटवार !

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Tek Raj


Shimla Masjid Controversy: संजौली मस्जिद विवाद में ओवैसी के बयान पर मंत्री विक्रमादित्य सिंह का पलटवार !

Shimla Masjid Controversy: राजधानी शिमला के संजौली में मस्जिद के कथित अवैध निर्माण को लेकर स्थानीय,और हिंदू समाज के लोगों में रोष बढ़ता ही जा रहा है। जहाँ गुरुवार को भी शिमला में सैकड़ों स्थानीय लोगों ने  विरोध मार्च निकाला और अवैध रूप से बन रही मस्जिद की बिल्डिंग को गिराने की मांग की। वहीँ मस्जिद के मुद्दे पर हैदराबाद के सांसद और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी और हिमाचल की कांग्रेस सरकार के मं विक्रमादित्य सिंह आपस में भिड़ गए।

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दरअसल ओवैसी ने मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर राज्य सरकार पर तंज कसा है, जिसके जवाब में विक्रमादित्य ने खुद को ‘गर्वित हिंदू’ बताते हुए ओवैसी को भाजपा की ‘बी टीम’ बताया है और, हिमाचल सरकार के मंत्री का वीडियो शेयर कर अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया।

Shimla Masjid Controversy : ओवैसी का हिमाचल सरकार पर तंज

ओवैसी ने एक्स (पहले ट्विटर) पर राज्य सरकार के मंत्री अनिरुद्ध सिंह का वीडियो पोस्ट किया और कहा,’हिमाचल का मंत्री भाजपा की जुबान में बोल रहा है। संजौली में बन रही मस्जिद का केस कोर्ट में चल रहा है। संघियों का झुंड उसे तोड़ने की मांग कर रहा है।

संघियों के सम्मान में कांग्रेसी मैदान में उतर आए हैं।  क्या हिमाचल की सरकार भाजपा की है या कांग्रेस की? हिमाचल की “मोहब्बत की दुकान” में नफरत ही नफरत! भारत के नागरिक मुल्क के किसी भी हिस्से में रह सकते हैं, उन्हें “रोहिंग्या” और “बाहरी” बुलाना देश विरोधी है।

Shimla Masjid Controversy: विक्रमादित्य का पलटवार- हिमाचल में सबके लिए मोहब्बत

ओवैसी के बयान पर राज्य सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा,’ मुझे हिंदू समाज से आने पर गर्व है। मैं खुद अयोध्या से प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद लेकर आया हूं। ओवैसी के भाजपा की बी टीम होने की बात सब जानते हैं।  हिमाचल प्रदेश में नफरत के लिए जगह नहीं, यहां सभी के लिए मोहब्बत है।

ओवैसी अपने राज्य में ध्यान दें। बात मंदिर-मस्जिद की नहीं वैध-अवैध की है। राज्य में संतुलन बनाकर रखना बहुत जरूरी है। संजौली मस्जिद मामले में नगर निगम की अदालत जो निर्णय देगी, सरकार उस आधार पर कार्रवाई करेगी।

Tek Raj

संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

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