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Success Story Of Hariman Sharma: आमतौर पर सेब का उत्पादन जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी और ठंडे क्षेत्रों में ही होता रहा है। लेकिन अब आप सुनते होंगे कि बिहार और हरियाणा जैसे सूबों में भी किसान इसे उगाकर पैसे कमा रहे हैं। दरअसल यह संभव हुआ है हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले की घुमारवी तहसील से संबंध रखने वाले हरिमन शर्मा द्वारा विकसित किये गए हरिमन-99 (HRMN-99) नाम की सेब की किस्म से।
देशभर में हरिमन शर्मा आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है। हरिमन शर्मा वह प्रगतिशील किसान हैं जिन्होंने 2005 में अपनी खोज से सभी को हैरान कर दिया था। हरिमन शर्मा कोई वैज्ञानिक ने नहीं बल्कि दसवीं से भी कम पढ़े-लिखे एक किसान है। लेकिन पूरे भारत में सेब की खेती करवाने के लिए किए जा रहे काम के प्रति उनका जज्बा गजब का है।
वर्ष 2005 तक किसी ने भी यह नहीं सोचा था कि बर्फीली पहाड़ियों पर तैयार होने वाला फल सेब निचले हिमाचल प्रदेश जो कि समुद्र तल से मात्र 700 मीटर ऊंचाई व 40 डिग्री 46 डिग्री में तपती धरती पर भी सफलता पूर्वक आम व अनार के साथ उगाया जा सकता है। लेकिन,हिमाचल प्रदेश के इस कृषि वैज्ञानिक हरिमन शर्मा ने देश में सेब की फसल को बढ़ावा देने के लिए एक ऐसी किस्म तैयार की जो निचले इलाकों में भी उगाई जा सकती है। हरिमन शर्मा द्वारा तैयार की गई सेब की किस्म HRMN 99 नाम से प्रसिद्ध है।
हरिमन शर्मा द्वारा विकसित की गई सेब की इस किस्म को उन्होंने HRMN 99 यानी अपने नाम से पेटेंट करवा रखा है। हरिमन-99 किस्म प्रोटक्शन ऑफ प्लांट वैराइटीज एंड फार्मर्स राइट्स अथॉरिटी (PPV&FR) में रजिस्टर्ड है। ऐसे में इस किस्म के पौधे तैयार करने का एकमात्र अधिकार शर्मा को ही है। हरिमन शर्मा की इस सफलता के बाद भारतीय कृषि अनुसंधान शिमला ने इस पर शोध भी किया और इसे सेब की एक सफल किस्म बताया। इसके बाद देश के विभिन्न राज्यों से HRMN 99 सेब की डिमांड आने लगी। हरिमन शर्मा अब तक अलग-अलग राज्यों में इसकी खेती करवाने के लिए इस वैराइटी के लाखों पौधे पहुंचा चुके हैं।
सेब की HRMN 99 किस्म की विषेशताएं
भारत के सभी राज्यों में जहां अब तक सेब का पौधा नहीं होता था, वहां के किसानों को विविधता का बहुत अच्छा विकल्प मिला है। HRMN 99 की विषेशता की बात करें, तो परम्परागत क्षेत्र का सेब जुलाई से सितम्बर तक तैयार होता है। मगर गर्म इलाके में उगाए जाने वाले सेब की यह किस्म जून में ही तैयार हो जाती है। उस समय बाजार में कहीं भी सेब का फल नहीं मिलता है और जिस कारण यह बहुत अच्छे दामों पर बिकता है। सेब की इस किस्म का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ है कि निम्न पहाड़ी क्षेत्रों के अत्यन्त गर्म क्षेत्रों व . यह वर्ष भर हरा होने के कारण पर्यावरण के लिए उपयुक्त है।
हरिमन शर्मा को मिल चुके हैं कई पुरस्कार
हरिमन शर्मा की इस उपलब्धि को देखते हुए हिमाचल सरकार व भारत सरकार ने उन्हें सम्मानित भी किया है। हरिमन शर्मा को जिला स्तरीय सर्वश्रेष्ठ बागवान पुरस्कार (2006), राज्य स्तरीय उत्कृष्ट कृषक पुरस्कार (2008), राज्य स्तरीय प्रेरणा स्त्रोत सम्मान पुरस्कार (2009), सर्वश्रेष्ट हिमाचली किसान खिताब सहित कई जिला और राज्य स्तरीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा 2017 में हरिमन शर्मा को आउटस्टैंडिंग ट्रेडिशनल नॉलेज अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
कहां-कहां पहुंची सेब की खेती
सेब की किस्म HRMN 99 आज देश के हर कोने के अलावा विदेशों में भी धूम मचा रही है। बेंगलुरु, चिकमगलूर, बैलग्राम (कर्नाटक), सिरसा, करनाल, हिसार, गुरूगाम (हरियाणा), होशियारपुर (पंजाब), राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली, पीलीभीत, (उत्तर प्रदेश), हलद्वानी व कोटबाग (उत्तराखण्ड), सिहोर, नरसिंहपुर, बालाघाट (मध्य प्रदेश), इंफाल (मणिपुर) अम्बिकापुर (छतीसगढ़), सीकर (राजस्थान), नासिक, सोलापुर अमरावती (महाराष्ट्र), सिलवासा (दादरा नगर हवेली), रांची (झारखण्ड), नवादा (बिहार) गुजरात, पश्चिमी बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, सिकिम, असम, केरल, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उड़ीसा, जम्मू के 9 जिलों के अलावा, उनकी ये किस्म जर्मनी, नेपाल, बंगलादेश, दक्षिणी अफ्रीका जैसे देशों में सेब की ये किस्म बेहतरीन फल दे रही है।
Success Story Of Hariman Sharma’s HRMN-99 Apple Variety
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