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हिमाचल में पहली बार आर्थिक बदहाली को लेकर श्वेत पत्र लाएगी सुख की सरकार

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प्रजासत्ता ब्यूरो | शिमला, 15 सितम्बर 
Himachal News: हिमाचल प्रदेश की सुख सरकार राज्य की खराब वित्तीय स्थिति लेकर श्वेत पत्र लाने जा रही है। हिमाचल सरकार यह श्वेत पत्र पूर्व जयराम सरकार की फाइनेंशियल मिस मैनेजमेंट के खिलाफ लाने जा रही है। हिमाचल में यह पहला अवसर होगा जब किसी पूर्व सरकार के खिलाफ इस तरह से वित्त प्रबंधन को लेकर श्वेत पत्र लाया जा रहा है।

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डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट सब कमेटी की मीटिंग में इसका ड्राफ्ट फाइनल किया जाएगा। श्वेत पत्र में राज्य की वित्तीय स्थिति की तस्वीर बिलकुल साफ हो जाएगी। कृषि मंत्री चंद्र कुमार और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह सदस्य हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो वित्त विभाग के अधिकारियों ने पूर्व सरकार के खिलाफ फाइनेंशियल मिस-मैनेजमेंट की रिपोर्ट को फाइनल कर दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि 18 सितंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान इस श्वेत पत्र को प्रस्तुत किया जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में पिछले 10 सालों से कर्ज को लेकर खूब राजनीति होती रही है। पूर्व वीरभद्र सरकार पर भी विपक्ष में रहते भाजपा ज्यादा कर्ज लेने के आरोप लगाती रही है। कर्ज को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष अलग-अलग आंकड़े पेश करता रहा है। ऐसे में श्वेत पत्र आने के बाद उम्मीद की जा रही है कि इससे हिमाचल की आर्थिक सेहत किसने बिगाड़ी, जनता को यह मालूम पड़ जाएगा।

बता दें कि हिमाचल की सुक्खू सरकार राज्य की खराब वित्तीय हालात के लिए पूर्व की जयराम सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है। सीएम सुक्खू कई मौकों पर कह चुके हैं कि पूर्व सरकार विरासत के तौर पर करीब 75 हजार करोड़ का कर्ज उनकी सरकार पर छोड़ गई है।

इसके अलावा कर्मचारियों के संशोधित वेतनमान के एरियर का करीब 11 हजार करोड़ भी पूर्व सरकार के समय का लंबित है। मुख्यमंत्री कर्मचारियों की डीए की किश्तों को अदायगी न करने के आरोप भी पूर्व सरकार पर लगा चुके हैं। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इसके विपरीत पूर्व की कांग्रेस सरकार पर अधिक कर्ज लेने का आरोप लगाते रहे हैं।

श्वेत पत्र से सामने आएगी प्रदेश की वित्तीय स्थिति
ऐसे में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार अब राज्य की वित्तीय हालात पर श्वेत पत्र लाने जा रही है। इससे प्रदेश में कर्ज की स्थिति की वास्तविक तस्वीर सामने आएगी। इसमें यह भी साफ हो पाएगा कि राज्य में कितना खर्च और किस तरह का खर्च सरकारों ने किया है। इससे प्रदेश के आय और खर्च का पूरा ब्यौरा जनता के सामने आएगा।

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