Document

Crypto Currency Fraud : बहुचर्चित क्रिप्टोकरेंसी घोटाले के मुख्य सरगना सुभाष शर्मा की गिरफ्तारी का वारंट जारी

Himachal Pradesh Crypto currency Fraud

प्रजासत्ता ब्यूरो |
Himachal Pradesh Crypto currency Fraud: हिमाचल प्रदेश में हुए 2500 करोड़ के बहुचर्चित क्रिप्टोकरेंसी घोटाले के मुख्य आरोपी सुभाष शर्मा की गिरफ्तारी का वारंट जारी हो गया है। गिरफ्तारी के डर से सुभाष दुबई में छिपा हुआ है। वारंट जारी होने के बाद अब पुलिस उसे शीघ्र भारत लाएगी। बता दें कि इसी मामले में एसआईटी ने 16 अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी तैयार कर ली है।

kips

एसआईटी प्रमुख एवं डीआईजी उत्तरी रेंज कांगड़ा अभिषेक दुलर के अनुसार एसआईटी को बहुचर्चित क्रिप्टोकरेंसी घोटाले के मुख्य आरोपी सुभाष के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट प्राप्त हो गया है। आरोपी को शीघ्र भारत लाया जाएगा। मामले में 16 अन्य आरोपियों के खिलाफ दो हफ्ते में चालान कोर्ट में पेश होगा।

उलेखनीय है कि अब तक इस मामले 19 आरोपी पकड़े जा चुके हैं। इनमें आधा दर्जन पुलिस कर्मी हैं। पहले तीन मुख्य आरोपियों सुखदेव सिंह, हेमराज और अभिषेक के खिलाफ शिमला जिला सत्र न्यायालय में चालान पेश किया जा चुका है। जबकि अन्य आरोपियों के खिलाफ विधि विभाग चार्जशीट का अवलोकन कर रहा है। एसआईटी जल्द ही इनके खिलाफ भी कोर्ट में चालान पेश करेगी।

क्या है Himachal Crypto currency Fraud

करोड़ों रुपये का क्रिप्टोकरेंसी घोटाला 2018 में शुरू हुआ था। निवेशकों को कुछ गड़बड़ी की आशंका हुई जब उन्हें कोविड महामारी के दौरान रिटर्न मिलना बंद हो गया, जब अधिकांश व्यावसायिक गतिविधियां रुक गईं। निवेशकों ने जब आरोपियों से अपने लंबित रिटर्न के बारे में पूछा, तो उन्हें एहसास हुआ कि वे जाल में फंस गए हैं। जालसाजों ने पीड़ितों को धमकी दी कि अगर उन्होंने पुलिस को मामले की सूचना दी तो वे अपना सारा निवेशित पैसा खो देंगे, जिससे वे शिकायत दर्ज करने से बच गए।

हालाँकि, 2022 में घोटाला उजागर होने के बाद, सैकड़ों पीड़ित सामने आए और आरोपियों की कार्यप्रणाली को उजागर किया। पुलिस के अनुसार कि इस संबंध में अब तक 300 से अधिक शिकायतें मिल चुकी हैं। एसआईटी जांच से यह भी पता चला है कि सरगना और उसके मुख्य सहयोगियों ने हिमाचल, चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा में भूखंडों और फ्लैटों में निवेश किया, इसके अलावा हाई-एंड कारों सहित लक्जरी वस्तुएं खरीदीं, जो अन्यथा उनकी पहुंच से बाहर थीं और यहां तक ​​कि कर चोरी में भी लिप्त थे।

घोटालेबाजों ने कम समय में अच्छे रिटर्न का वादा करके प्रदेश के भोले-भाले लोगों को लुभाया और निवेशकों का एक नेटवर्क बनाया। पुलिसकर्मी, शिक्षक और अन्य सहित समाज के विभिन्न वर्गों के लोग लुभावने रिटर्न के लिए योजना में शामिल हो गए।

आरोपियों ने स्थानीय रूप से निर्मित (मंडी जिले में) क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित निवेश योजना के साथ लोगों से संपर्क किया, जिसे ‘कोरवियो कॉइन’ या केआरओ सिक्कों के रूप में जाना जाता है। क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मुद्रा है जिसे कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से विनिमय के माध्यम के रूप में काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो निर्भर नहीं है इसे बनाए रखने या बनाए रखने के लिए सरकार या बैंक जैसे किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण पर।

आरोपियों ने योजना पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए गलत सूचना, धोखे और धमकियों के संयोजन का इस्तेमाल किया, जिससे पीड़ितों को भारी वित्तीय नुकसान हुआ। तीन से चार प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल किया गया और क्रिप्टोकरेंसी सिक्कों की बढ़ी हुई कीमतें दिखाने के लिए नकली वेबसाइटें बनाई गईं। क्रिप्टो-घोटाले के लिए इस्तेमाल की गई वेबसाइट में लगभग 2.5 लाख अलग-अलग आईडी थीं। एक हजार से अधिक पुलिस कर्मी भी धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं। जबकि उनमें से अधिकांश को करोड़ों रुपये का चूना लगाया गया था, उनमें से कुछ ने अधिक निवेशकों को अपने साथ जोड़कर चेन बनाकर भारी मुनाफा भी कमाया।

Himachal Crypto currency Fraud: हिमाचल पुलिस की एसआईटी ने क्रिप्टोकरेंसी ठगी मामले में हाईकोर्ट में दायर की स्टेटस रिपोर्ट

Himachal Crypto currency Fraud: क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर सिरमौर के पूर्व सैनिक से डेढ़ करोड़ की ठगी

Crypto Currency Fraud: क्रिप्टोकरेंसी ठगी मामले में एसआईटी की बड़ी कार्रवाई, महिला समेत 7 आरोपी गिरफ्तार

Tek Raj

संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

Latest Stories

Watch us on YouTube