स्विट्ज़रलैंड की तर्ज पर कब संवरेगा कसौली

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Tek Raj


पर्यटकों से गुलजार पर्यटक नगरी कसौली की तिब्बती मार्केट

कसौली ।
विश्व मानचित्र पर अंकित पर्यटन नगरी कसौली स्विट्जरलैंड की तर्ज पर कब संवरेगा। इसकी स्थिति कब सुधरेगी कोई नहीं जानता। केंटोनमेंट के तहत इस कसौली कस्बे की हालात इतनी दयनीय है की स्थानीय लोग तो परेशान है साथी ही बाहर से आने वाले पर्यटकों को भी मुश्किलें उठानी पड़ती है। नेशनल हाइवे से करीब 15 किलोमीटर दूर इस पर्यटन स्थल तक पहुंचने के लिए जिस सड़क मार्ग का इस्तेमाल करना पड़ता है उसकी स्थिति बेहद खराब है। सड़क कब ठीक रही शायद यहां रहने वाले लोगों को भी याद करने के लिए बादाम खाने पड़ेंगे। आलम यह है की सड़क संकरी है। हर पांच से दस फीट की दूरी पर सड़क टूटी हुई मसलन उबड़ खाबड़ है। रोजाना वाहन चालक परेशान होते है। छिटपुट सड़क की घटनाएं होना आम है। कसौली पर्यटन स्थल होने की वजह से यहां पर्यटकों की आमद ज्यादा रहती है। अधिकतर पर्यटक यहां पहुंचने के लिए टूरिस्ट बसों का इस्तेमाल करते है। लेकिन सड़क की खराब हालत बस चालको सहित सवारियों की जान को जोखिम में डाल देती है। उस पर गढ़खल में लगने वाला जाम तो रही सही कसर पूरी कर देता है। बता दें की कसौली अपने अपार सौंदर्य के लिए मशहूर है। पहाड़ी इलाका और यहां से चंडीगढ़ और बीबीएन के मैदानी इलाकों का दृश्य अति मनमोहक नजर आता है। उस पर यहां की खूबसूरती को चार चांद लगाती है होटल इंडस्ट्री। कसौली क्षेत्र होटल इंडस्ट्री हब है। यहां 250 से ज्यादा होटल है, जिसमें देश के कई बड़े होटलों की चेन है। हैरत इन होटलों तक पहुंचने के लिए पर्यटकों को खासी माथापच्ची करनी पड़ती है। होटल व्यवसायी इस समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित है। व्यवसायियों का कहना है की पर्यटक बुकिंग कर यहां आते है, लेकिन सड़कों की हालत से परेशान खरी खोटी सुनाते है। कसौली होटल इंडस्ट्री सरकार को सबसे अधिक रेवेन्यू देने वालों में से एक है। बावजूद उनकी अनदेखी होती है। उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है की पर्यटन की दृष्टि से कसौली क्षेत्र और अधिक विकसित हो इसके लिए सरकार को उचित कदम उठाने चाहिए। अन्यथा जितने होटल यहां खुल रहे है उनमें रोजगार मिलना तो दूर संचालकों को बैंक की किश्तें निकालना भी मुश्किल हो जाएगी।
लिटफेस्ट में भीड़, लेकिन सड़क से परेशान
कसौली में इन दिनों खुशवंत सिंह लिटफेस्ट चल रहा है। देश विदेश से मशहूर हस्तियां यहां पहुंची है।लेकिन सभी सड़कों की हालत पर अफसोस जता रहे है। कुछ राष्ट्रीय स्तर के पत्रकारों ने कसौली की सड़कों का मामला संपादकीय में उठाने की बात भी की है। बहरहाल, सड़कों की हालत किसी से छुपी नहीं है। अब इनकी सेहत ठीक करने के लिए नेता, अभिनेता, साहित्यकार, पत्रकार या लेखक कौन आगे आता है ये देखने वाली बात होगी।

Tek Raj

संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

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