कपिल | ज्वालामुखी
ज्वालामुखी भाजपा में प्रषंगबश मनघड़ंत रूप से तीन साल तक शहरी भाजपा के अध्यक्ष पद पर रहे रामस्वरूप शास्त्री को दो महीने के अंतराल में दूसरी बार पद से निष्काषित करके कड़ा संदेश दिया गया है। ताजा घटनाक्रम में रामस्वरूप को भूतपूर्व शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य के पद से पदभार मुक्त कर दिया गया है। कहा गया है कि रामस्वरूप शास्त्री अब केबल कार्यकर्ता की तरह काम करते रहें। संगठन का कोई भी दायित्व उनके कंधों पर नहीं होगा।
यहां बता दें कि जवालामुखी संगठन में कुछ नियुक्तियों को लेकर विधायक रमेश धवाला के समर्थक नेताओं ने राणा के खिलाफ कई दिनों तक सार्वजनिक व्यानबाजी के जरिए अपना विरोध जताया था। हालांकि व्यानबाजी को रोकने के लिए संगठन की तरफ से कई बार पहल हुई थी। लेकिन जब मामला नहीं थमा तो प्रदेश भाजपा ने जवालामुखी भाजपा मंडल को भंग करके अनुशासनहीनता करने वालों को सबक सिखाया था। शहरी भाजपा के अध्यक्ष रामस्वरूप शास्त्री द्वारा पवन राणा के खिलाफ अनाप शनाप व्यानबाजी का आरोप लगने के बाद उन्हें भी यह कहकर पदभार मुक्त किया गया था कि भाजपा में शहरी भाजपा का कोई भी समभेधानिक पद सृजित नहीं है।
अतः शास्त्री मनघड़ंत रूप से खुद को शहरी भाजपा का प्रधान बताकर संगठन को नुकसान पहुंचा रहे हैं। शहरी भाजपा से हटाए जाने के बाद शास्त्री को भूतपूर्व शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य के रूप में नियुक्ति दी गयी थी। लेकिन कुछ ही समय बाद अब उन्हें निष्काषन का फरमान दिया गया है। जिला भाजपा ने रामस्वरूप शास्त्री के निष्काषन की पुष्टि की है।
जिला भाजपा अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि रामस्वरूप शास्त्री की भूतपूर्व शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य के रूप में नियुक्ति कैसे हुई उन्हें नहीं पता। लेकिन अब उन्हें पदभार मुक्त कर दिया गया है। संगठन के खिलाफ सार्वजनिक व्यानबाजी करके उन्होंने पार्टी की छवि को धूमिल किया है। उन्हें पद से हटा दिया गया है।