कांगड़ा|
कांगड़ा जिला में नाबालिग बच्चों को बहला-फुसलाकर ले जाने और उसके साथ अश्लील हरकतें व दुष्कर्म का प्रयास करने वाले एक एचआरटीसी चालक को न्यायालय ने दस साल कठोर कारावास व 31 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। बता दें कि आरोपी के खिलाफ दोनों पीडि़तों के स्वजन ने 11 सितंबर, 2014 को पुलिस थाना देहरा में शिकायत दर्ज करवाई थी।
केस की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी भुवनेश मिन्हास ने बताया कि आरोपित कर्म चंद निवासी घुमारवीं, जिला बिलासपुर देहरा डिपो के तहत चालक पद पर तैनात था। कर्म चंद देहरा में अपने परिवार के साथ किराये के मकान में रहता था। उसका बेटा यहां बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता था। 11 सितंबर को उसका बेटा घर पर नहीं था तो सभी बच्चे घर वापस जा रहे थे। इस दौरान कर्म चंद ने दो बच्चों को बातों-बातों में अन्य बच्चों से अलग कर लिया। इन बच्चों को किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी थी। कर्म चंद की हरकत का पता चलते ही स्वजन ने दोनों बच्चों से पूछा तो उन्होंने आपबीती बताई और देहरा पुलिस थाना में मामला दर्ज किया गया।
मामला दर्ज करते हुए पुलिस ने कर्म चंद को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस जांच के बाद न्यायालय में पहुंचे मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से केस की पैरवी विशेष न्यायवादी रामदेव चौधरी ने की। प्रकाश चंद राणा की विशेष अदालत पोक्सो एक्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 14 गवाह पेश किए गए। गवाहों की बयानों के आधार पर न्यायालय ने दोषी कर्म चंद को 10 साल कठोर कारावास व 31 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है।