बलजीत।इंदौरा
-किसानों को प्राकृतिक खेती से होने बाले लाभ के बारे मे दी जानकारी।
आत्मा परियोजना , विकास खंड , इंदोरा की ओर से इंदोरा उपमंडल के पलाख़ गांव में प्राकृतिक खेती पर आधारित कृषि शिविर का आयोजन किया गया । शिविर के आरंभ में ही किसानों को कोरोना से बचाव हेतु सरकारी दिशा निर्देशों का पालन करने को कहा गया तथा मास्क भी बांटें गए । आत्मा परियोजना की ओर से बी.टी.एम. ने लगभग 30 किसानों के समूह को बताया कि सुभाष पालेकर प्राकृतिक कृषि को अपना कर किसान जल सरंक्षण, पर्यावरण में शुद्धता , पोष्टिक उपज तथा जहरमुक्त फल और सब्जियां पैदा कर सकते है। फसल सुरक्षा के घटक बनाने के लिए स्थानीय पौधो का प्रयोग किया जाता है। देशी नस्ल की गाय के गोबर और गौमूत्र से खाद बनाई जाती है। ‘प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना ‘ के अंतर्गत सरकार की ओर से देशी नस्ल की गाय खरीदने एवं गोशाला के आधुनिकरण के लिए अनुदान राशि दी जाती है । मास्टर ट्रेनर युधवीर सिंह ने प्रशिक्षण के दौरान किसानों को बीजामृत, जीवामृत, घनजीवामृत , दरेकास्त्र, ओर ब्रहमास्त्र, ब्यबाहरिक रूप से बना कर दिखाए तथा मिश्रित खेती करने का तरीका एवं लाभ बताये।