कांगड़ा|
महर्षि विद्या मंदिर स्कूल, रक्कड़ में मंगलवार को कैप्टन संजय पराशर द्वारा 14वें मेडीकल कैंप का आयोजन किया गया| जिसमें आंखों व कानों के मरीजों की जांच की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कैप्टन संजय ने कहा कि उनके द्वारा निभाए जा रहे सामाजिक सरोकार मानवता की सेवा में समर्पित हैं। उन्होंने जसवां-परागपुर क्षेत्र को मोतियाबिंद मुक्त करने का संकल्प लिया है और इसके लिए वह सुदूर गांवों में भी मेडीकल कैंपों का आयोजन कर रहे हैं। अब अगला कैंप बीस नवंबर को जसवां-परागपुर क्षेत्र के नंगल चौक में लगाया जाएगा। उसके बाद में भी नियमित अंतराल पर ऐसे स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन होता रहेगा।
इस स्वास्थ्य शिविर में 54 गांवों के कुल 1259 लाभार्थी पहुंचे। शिविर में 952 ने अपनी आंखों की जांच करवाई, जिसमें 629 को निशुल्क चश्मे वितरित किए गए। 628 को आई ड्राप्स प्रदान किए गए तो चिकित्सा विशेषज्ञों ने 113 को मोतियाबिंद की बीमारी से पीडि़त बताया गया। इन मरीजों का मोतियाबिंद का आपरेशन कैप्टन संजय द्वारा बिना किसी खर्च के जालंधर स्थित निजी अस्पताल में करवाया जाएगा।
वहीं, इसी कैंप में 307 ने अपनी कानों की जांच करवाई। 141 को कानों की सुनने वाली मशीनें प्रदान की गईं। 173 महिलाओं को 1730 निशुल्क सैनेटरी पैड्स वितरित किए गए। इस कैंप में पोलियां-पुरोहितां की नौ वर्षीय अक्षिता ने भी अपने कानों की जांच करवाई, जिसे न के बराबर सुनाई देता था। चिकित्सा विशेषज्ञ द्वारा उसके दोनों कानों के लिए मशीनें दी गईं और उसे अब सुनाई देने लगा है। कोराना नियमों का पालन करने के बाद ही कैंप में जाने की इजाजत आयोजकों द्वारा दी जा रही थी।
इस दौरान संजय पराशर की पत्नी सोनिका ने मेडीकल कैंप में पहुंचे लाभार्थियों से संवाद में कहा कि क्षेत्र की जनता का भी इन स्वास्थ्य शिविरों में अपार स्नेह व समर्थन मिल रहा है। कई पंचायत प्रतिनिधि और सामाजिक संस्थाएं भी अपना योगदान दे रहे हैं और यही कारण है कि इसी वर्ष के फरवरी से लेकर अब तक चौदह मेडीकल कैंपों का आयोजन हो चुका है। मेडीकल कैंपों में बारह हजार से लाभार्थी पहुंचे हैं।
वहीं, कैंप में पहुंचे लोगों ने संजय पराशर के इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि इन स्वास्थ्य शिविरों से गरीब व आम आदमी को बेहद लाभ मिल रहा है। पराशर अपने संसाधनों का उपयोग करके समाज व मानवता की सेवा कर रहे हैं।